Saturday 21 September 2013

मुजफ्फरनगर हिंसा: हुकुम सिंह सहित 4 आरोपी गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुई हिंसा के मामले से जुड़े आरोपियों को पुलिस ने शिकंजे में लेना शुरू कर दिया है। पुलिस ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधानमंडल दल के नेता हुकुम सिंह को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। इस बीच अदालत ने भाजपा विधायक संगीत सोम और सुरेश राणा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
हुकुम सिंह शुक्रवार रात दिल्ली पहुंचे थे। उन्हें भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ आज हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने जाना था, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से मंजूरी न मिलने की वजह से दौरा रद्द कर दिया गया।

राजनाथ का दौरा रद्द होने के बाद हुकुम सिंह अपने घर वापस लौट रहे थे, तभी गाजियाबाद की सीमा में दाखिल होते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

इससे पहले भाजपा विधायक सुरेश राणा को शनिवार को दंडाधिकारी के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। राज्य के पुलिस महानिरीक्षक [कानून व्यवस्था] राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक नूर सलीम को चरथावल कस्बे के पास गिरफ्तार किया गया है। उन्हें दोपहर बाद अदालत में पेश किया जायेगा।

पुलिस उप महानिरीक्षक के सत्यनारायण ने बताया कि सोम को सरधना के क्षेत्र के पलावा गांव से गिरफ्तार किया गया है, हालांकि भाजपा का कहना है कि सोम ने गिरफ्तारी दी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार सोम अपने समर्थकों के साथ पलावा गांव गिरफ्तारी देने जा रहे थे। पलावा गांव में पुलिस का काफी बन्दोबस्त किया गया था, जबकि पुलिस का कहना है कि सोम ने आत्मसमर्पण नहीं किया है। उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस मेरठ से ट्रांजिट रिमांड लेकर उन्हें मुजफ्फरनगर ले जायेगी। सोम और राणा के अलावा भाजपा के दो और विधायक हुकुम सिंह तथा भारतेन्दु सिंह भी दंगा भड़काने में नामजद हैं। शामली जिले के थानाभवन क्षेत्र से विधायक सुरेश राणा को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स [एसटीएफ] ने लखनऊ के अम्बेडकरनगर पार्क के पास से कल गिरफ्तार किया था।

सोम मेरठ जिले के सरधना क्षेत्र से विधायक हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा में कल आरोपी विधायकों की गिरफ्तारी के संकेत दिये थे। मुजफ्फ्करनगर की जिला अदालत ने दंगा भड़काने के आरोप में बहुजन समाज पार्टी [बसपा] सांसद कादिर राणा और भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] विधायकों समेत 16 आरोपियों के खिलाफ गत 18 सितम्बर को गैरजमानती वारंट जारी किए थे।

मुजफ्फ्करनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट किरनपाल ने बहुजनसमाज पार्टी सांसद कादिर राणा, कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री सईदुज्जमा, विधायक नूरसलीम राणा, विधायक मौलाना जमील, सलमान सईद, असज जमा, नौशाद कुरैशी और एहसान कुरैशी के खिलाफ गत 18 सितम्बर को गैरजमानती वारंट जारी किये थे। इन लोगों के खिलाफ मुजफ्फरनगर कोतवाली में दंगा भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था।

दूसरी ओर सिखेडा थाने में दर्ज रिपोर्ट के आधार पर सहायक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुन्दरलाल की अदालत ने बिजनौर के भाजपा विधायक भारतेंन्दु सिंह, सरधना के भाजपा विधायक संगीत सोम पूर्व मंत्री स्वामी ओमवेश, भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष नरेश टिकैत तथा प्रवक्ता राकेश टिकैत के अलावा मास्टर हरपाल, बिट्टू सिखेडा और चन्द्रपाल सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे।

इस बीच भाजपा विधानमण्डल दल के नेता और दंगा भड़काने के आरोप में नामजद हुकुम सिंह ने  कहा कि भाजपा विधायकों की गिरफ्तारी बदला लेने की भावना से किया गया कृत्य है। गिरफ्तारी सपा नेताओं को बचाने के लिए भी किया गया है, क्‍योंकि महापंचायत में कई सपा नेता भी मौजूद थे उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कवाल की घटना को लेकर गत 30 अगस्त को आयोजित महापंचायत में शामिल सपा, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है, जबकि उन लोगों ने बहुसंख्यकों के खिलाफ जहर उगला था। उन्होंने दावा किया कि महापंचायत में भाजपा नेताओं ने कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया था फिर भी राजनीतिक विद्वेष के कारण गिरफ्तारी की जा रही है। सपा सरकार की एकतरफा कार्रवाई क्षेत्र में शान्ति बहाली नहीं होने देगी।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने पार्टी विधायकों की गिरफ्तारी को मुसलमानों को खुश करने वाली कार्रवाई बताया और कहा कि पार्टी इसे जनता की अदालत में ले जायेगी। मुजफ्फरनगर और उसके आसपास के जिलों में हुए दंगे में करीब 50 लोगों की मृत्यु हुई थी और 62 घायल हो गये थे। करीब 50 हजार लोग बेघर होकर 40 राहत शिविरों में रह रहे हैं।

राज्य सरकार ने मृतक आरोपियों को 15.15 लाख रुपये और 400 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने की घोषणा की है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की दस टीमें बनायी गयी हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 151 और 153 के तहत मुकदमे दर्ज किये हैं। इनके ऊपर 7 क्रिमिनल एमेंडमेंट एक्‍ट के तहत भी कार्रवाई की जा रही है।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जिले के कवाल गांव में गत 27 अगस्त को छेड़छाड़ की मामूली घटना ने उसी दिन तीन जान ले ली थी। घटना के विरोध में 30 अगस्त को बसपा सांसद कादिर राणा और कुछ अन्य लोगों ने महापंचायत बुलायी थी। इसके दूसरे दिन बहुसंख्यकों की महापंचायत हुई।

महापंचायतों के क्रम में नगला मेडर गांव में गत सात सितम्बर को महापंचायत हुई जिसमें भाजपा विधायकों हुकुम सिंह, सुरेश राणा, भारतेन्दु सिंह और संगीत सोम ने भी भाग लिया था। महापंचायत के बाद हिंसा भड़क उठी और आसपास के जिलों बागपत, शामली और सहारनपुर तक फैल गयी। प्रशासन को मुजफ्फरनगर शहर के तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाकर सेना बुलानी पडी़ थी।

  

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