Friday 17 January 2014

राहुल गांधी AICC बैठक में बोले- गंजों को कंघा बेच रही है BJP, AAP दे रही हेयरकट

राहुल गांधी
gandhi family
कांग्रेस के चुनाव अभियान का अगुवा घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस उ
पाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा चुनावों के लिए बिगुल फूंक दिया. नई दिल्ली में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक में बोलते हुए उन्होंने यूपीए की उपलब्धियों से ही बात शुरू की. लेकिन इस बार उनके भाषण में कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश ज्यादा दिखाई दी. उनकी आवाज रोज के मुकाबले ज्यादा तेज और तल्ख थी.
राहुल का भाषण दो हिस्सों में था. एक हिस्सा अंग्रेजी में और दूसरा हिंदी में. साउथ से आए कार्यकर्ताओं के लिए उन्होंने अंग्रेजी में भाषण शुरू किया, फिर हिंदी में भी अपनी बात रखी. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कांग्रेस को 21वीं सदी की पार्टी बनाने का आह्वान किया. राहुल ने BJP और आम आदमी पार्टी पर तीखे तंज किए तो अपनी ही सरकार के मुखिया मनमोहन सिंह से 9 की जगह 12 एलपीजी सिलेंडरों की मांग भी की.
राहुल गांधी का पूरा भाषण
अब मैं थोड़ा सा हिंदी में बोलना चाहता हूं. हमारे जो प्यारे कार्यकर्ता हैं. आपके लिए हिंदी में बोलता चाहता हूं. जो साउथ से आए हैं, आपके लिए इंग्लिश में बोला.
देखिए कई साल पहले राजीव जी ने और यहां जो बुजुर्ग कार्यकर्ता बैठे हैं, जो दिख रहे हैं. आपने देश को 21वीं सदी में ले जाने की बात कही थी. और उसकी नींव आपने रखी थी.अब वही काम हमें कांग्रेस पार्टी में करना है. पार्टी को 21वीं सदी में पहुंचाना है. इसका मतलब क्या है. यहां कार्यकर्ता बैठा है, जो आपकी आवाज है, वो पार्टी में अच्छी तरह जोरों से सुनाई दे. जब हम निर्णय लेते हैं, तो आपकी आवाज सुनाई दे. मैं आपसे मिलता हूं, आप कहते हो, चुनाव का समय आता है. पांच साल के लिए हम काम करते हैं. चुनाव से तीन महीने पहले ढोलक बजना शुरू होता है. दूसरी पार्टी से लोग आ जाते हैं. कहते हैं, भइया हमें चुनाव लड़ाओ. अगर हमारा कार्यकर्ता लड़ रहा है. चुनाव कौन लड़ेगा. कार्यकर्ता लड़ेगा.
मैं ये नहीं कह रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी के दरवाजे बंद करने हैं. इसे खोलना है. नई पीढ़ी को अंदर लाना है. मगर आगे जो चुनाव लड़ेगा, उसके दिल में, दिमाग में कांग्रेस पार्टी की विचारधारा होनी चाहिए. उसके खून में कांग्रेस पार्टी की विचारधारा होनी चाहिए. सरकार चलाते हैं हम. और जब भी मैं जाता हूं प्रदेशों में. कार्यकर्ता कहता है, देखिए राहुल जी. हमारी सरकार है, मगर जिस प्रकार से हमारी सुनवाई होनी चाहिए. वह नहीं हो रही है. 21वीं सदी की पार्टी का मतलब है, कार्यकर्ता की सरकार में सुनवाई होगी. तीन काम और बहुत बड़े काम हमने किए हैं.
अब हम कार्यकर्ता से, आम जनता से, एनजीओ से, सबसे पूछकर मेनिफेस्टो बना रहे हैं. युवाओँ, महिलाओं. अल्पसंख्यकों, उद्योगपतियों, दलित, आदिवासियों, किसानों और मजदूरों से पूछेंगे और जो आप हमें बताओगे, वह मेनिफेस्टो में जाएगा और वही सरकार करके दिखाएगी.
और एक कदम, इसे सुनकर हमारे कार्यकर्ता और नेता बहुत खुश होंगे, छोटा सा मगर बहुत गहरा कदम है. लोकसभा के चुनाव में 15 इलाकों में, हम आपके पूछकर, कार्यकर्ताओं और प्रधानों से पूछकर. पदाधिकारियों से पूछकर सीधे कैंडिडेट चुनेंगे. आपसे पूछेंगे और आपका जो फैसला होगा, उसे कोई नहीं बदल सकता है. अगर ये सफल हुआ. अगर ये बात कांग्रेस पार्टी को अच्छी लगी, तो हम और गहरे तरीके से विधानसभा और लोकसभा में करेंगे
भविष्य में क्या करेंगे ये भी बताना चाहता हूं.
कांग्रेस पार्टी के दिल में क्या है, ये बताना चाहता हूं. पिछले 10 सालों में गरीबों की लड़ाई लड़े. इस बात को आप मानते हो. 14 करोड़ लोगों को हम गरीबी रेखा के नीचे से निकालकर लाए. खडा़ कर दिया हमने इनको. ये इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ है. एक नया वर्ग तैयार हुआ है, जो गरीबी रेखा के ऊपर है औऱ मिडल क्लास के नीचे है.
ये कौन लोग हैं, वे हैं जिनके घर में कोई बीमार होता है, तो ये फिर गरीबी रेखा के नीचे चले जाते हैं. ये अपने बच्चे की शिक्षा के लिए घबराते हैं. ये पूछते हैं, मेरे बच्चे को रोजगार मिलेगा या नहीं मिलेगा. ये लोग वो हैं, जो इस देश को बनाते और चलाते हैं. मिस्तरी लोग. पेंटर, सिक्युरिटी गार्ड, वो व्यक्ति जिसने इस स्टेडियम को खड़ा किया. जो इस देश को चलाते हैं और मिडल क्लास और गरीबी रेखा के बीच में हैं. आप अच्छी तरह से सुन लो. कांग्रेस पार्टी आपकी लड़ाई लडऩे वाली है. अगले पांच साल में हम आपको मिडल क्लास में डालकर दिलाएंगे.
आपके बच्चों की शिक्षा पर फोकस होगा. जैसे पहले टेलिकॉम बंद था. वैसे ही शिक्षा बंद है. यहां मिस्तरी और बढ़ई का बेटा नहीं जा सकता. जैसे हमने पीसीओ लगाया, वैसे सिस्टम खोलेंगे. दूसरी बात. आज जब आप ऊपर देखते हो. आपके सिर के ऊपर छत नहीं है या कमजोर छत है. हम आपके सिर के ऊपर एक मजबूत छत डालेंगे.
आप जानते हैं, जब कांग्रेस पार्टी मन बना लेती है, तो क्या करती है. अब आप देखो, अगले पांच साल में हम क्या करते हैं. यहां मुझे चार पांच छह महिलाएं सामने दिख रही हैं. होना क्या चाहिए, ऐसा दिन देखना चाहता हूं कि इधर जब देखूं तो महिलाएं दिखें. पचास फीसदी महिला आबादी है और चाहता हूं कि आधा कमरा उनसे भरा दिखे.
कांग्रेस पार्टी में जहां भी सरकार है. आने वाले समय में 50 फीसदी महिलाएं चीफ मिनिस्टर होंगी. यूपी में मैंने महिलाओं के साथ काम किया. एक संस्था चलाता हूं. उन्होंने मुझे बहुत बातें सिखाईं.एक गहरी बात मेरे दिल में घुस गई. उन्होंने बताया देखिए राहुल जी. जब तक इस देश में महिलाओं की इज्जत नहीं होगी, उन्हें शक्ति नहीं दी जाएगी, तब तक देश खड़ा नहीं हो सकता.
महिलाएं. आप सुन लो. कांग्रेस पार्टी आपकी लडा़ई लड़ेगी. सिर्फ भाषणों से नहीं, अंदर से हम आपकी मदद करेंगे.
महंगाई की बात. यहां हमें कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री दिख रहे हैं. पहले भी मैंने आपसे बात की. आपने आश्वासन दिया कि आप इसके खिलाफ लड़ाई लड़ोगे. कांग्रेस पार्टी के प्रदेशों में आप देखना, फायदा होगा. हरियाणा में सब्जियों के दाम गिर गए हैं. एक बात और है, जो मैं पीएम से कहना चाहता हूं.
पीएम जी, नौ सिलेंडर से बात नहीं बन रही है. प्रधानमंत्री जी, 12 सिलेंडर चाहिए हमें. कांग्रेस पार्टी को 12 सिलेंडर चाहिए. हिंदुस्तान की महिलाओं को 12 सिलेंडर चाहिए.
अब मैं विपक्ष के बारे में बोलना चाहता हूं. मजेदार बात है.
आपके सामने विपक्ष खड़ा है. और इसके लोग ऐसे हैं. ये कांग्रेस पार्टी है. ये पीछे देखिए फोटो लगी है. गांधी जी की फोटो है. बडे़ बड़े लोगों की फोटो है. ये सच्चे लोग हैं. सच बोलते थे. दिल में सच्चाई थी. आपके जो अपोजीशन के लोग हैं. जो भी बोलना चाहें बोलते रहें. ये ऐसे लोग हैं, भइया, इनकी मार्केटिंग बहुत बढ़िया है. चमक है, गाना है. नाच है. सब कुछ है. ये ऐसे लोग हैं, भइया. ये गंजों को कंघे बेच डालेंगे.
अब नए लोग आए हैं. सुनो. अब वो पहले वाले भइया कंघे बेचते थे. नए लोगों ने हेयर कट शुरू कर दिए. गंजों को हेयर कट दे रहे हैं. बाल बना रहे हैं. कह रहे हैं कि भइया आइए. हेयर कट करेंगे. इनकी बातों में मत आइए. हमने आपको हथियार दिए हैं. लोकपाल बिल है, नारेगा है. भोजन का अधिकार है. नारेगा है. कर्जामाफी किया. ये सब आपके औजार हैं.
आखिरी बात मैं आपसे कहना चाहता हूं. गहरी बात है. थोड़ी शांति चाहिए मुझे. देखिए ये पार्टी जो है. विपक्ष कहता है, कांग्रेस को देश से निकालो. वे हिंदुस्तान को नहीं जानते, इतिहास की किताब नहीं पढ़ते. कांग्रेस मुक्त भारत. कांग्रेस पार्टी है क्या. मैं उनके लिए बोल रहा हूं. कांग्रेस पार्टी एक संगठन नहीं है. ये एक सोच है. ये सोच हमारे दिल में है. और ये सोच क्या है. भाईचारे की सोच. प्रेम की सोच. इज्जत की सोच. ये है कांग्रेस पार्टी. और ये बात सुन लो. मैं विपक्षियों से कह रहा हूं. सुन लो और समझ लो. ये नई सोच नहीं है. तीन हजार साल से चली आ रही है. आप हमारी किताबें पढ़ें. गीता पढ़ें, महाभारत पढ़ें. उनमें ये सोच है. इतिहास को देखें. अशोक में ये सोच थी. गुरु नानक में ये सोच थी. अकबर में ये सोच थी. गांधी जी में ये सोच थी. इन लोगों में ये सोच थी. आपमें ये सोच है. मुझमें ये सोच है. बाकी हिंदुस्तान में ये सोच है.
आप लोग समझ लो. ये सोच तीन हजार साल से नहीं मिटी है. आप नहीं मिटा सकते. जिसने इस सोच को मिटाने की कोशिश की है. वो अपने आप मिट गया.
अब बात आई प्रधानमंत्री की. मैं बोलना चाहता हूं. देखिए. आजकल अखबारों में. सब कुछ होता है. मगर आप हिंदुस्तान का संविधान पढ़ेंगे. इसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री को लोकसभा के सांसद चुनते हैं. ये लोकतांत्रिक पार्टी है. चुनाव में हम लड़ाई लड़ेंगे. युवाओं का चुनाव होगा और हम जीतकर दिलाएंगे. मगर कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री को संविधान के मुताबिक हमारे सांसद चुनेंगे.
एक और बात कहना चाहता हूं. मैंने कहा, मैं आपका एक सिपाही हूं. जो भी आप मुझसे करवाना चाहते हैं. मैं करने को तैयार हूं. चाहे वह कुछ भी हो. अब सुनो. हम एक विचार के ट्रस्टी हैं और इसकी रक्षा करेंगे.

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