Friday 17 January 2014

कॉर्नफ्लेक्स की कहानी...

Image Loading
कॉर्नफ्लेक्स सबसे पहले किसने बनाए, उस समय इनका रंग-रूप क्या था और इन्हें जब पहली बार खाया गया तो कैसा लगा लोगों को, तुम्हें ये सब बता रही हैं रजनी अरोड़ा
कॉर्नफ्लेक्स खाते हुए तुमने कभी सोचा है कि ये पतले-पतले, कुरकुरे और मजेदार दाने बनते कैसे हैं और ये फ्लेक्स बनने कब से शुरू हुए? तुम्हें यह जानकर आश्चर्य होगा कि कॉर्नफ्लेक्स खाने में ही मजेदार नहीं हैं, इन्हें बनाने या खोज की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। इसके पीछे कोई योजना या तैयारी नहीं थी, बल्कि इनका निर्माण अचानक ही हो गया था। बात 1894 की है जब डॉं. जॉन हार्वे केलॉग अमेरिका के अस्पताल बैटल क्रीक सेनेटेरियम मिशिगन के सुप्रिंटेंडेंट थे। उनके छोटे भाई विल कीथ केलॉग अस्पताल के मरीजों की सेवा करते थे और उन्हें खाना पहुंचाते थे। डॉं. केलॉग ने मिशिगन में मरीजों के इलाज के लिए आहार में सुधार पर जोर दिया। मरीजों को एल्कोहल और मांसाहारी भोजन के बजाय गेहूं, जई, चावल, जौ, मक्का जैसे साबुत अनाज से बना शाकाहारी भोजन देने पर जोर दिया गया। यह फाइबर युक्त शाकाहारी खाना ज्यादा विटामिंस-मिनरल्स वाला खाना था, जो मरीजों को पचाने में आसान और स्वास्थ्य के लिए उपयोगी था। तब से मिशिगन में साबुत अनाज को उबाल कर दूध-चीनी के साथ या फिर हल्के मसाले वाला भोजन बनाया जाने लगा। ऐसे ही एक दिन 8 अगस्त 1894 को उन्होंने गेहूं के दानों को थोड़ी देर उबाल लिया, लेकिन उनसे मरीजों के लिए भोजन नहीं बना पाए। विल कीथ को मिशिगन के जरूरी काम से जाना पड़ा। जब वे लौटे तो उन्होंने देखा कि गेहूं के अधपके दाने ढीले पड़ गए थे। कीथ ने उन दानों को फेंका नहीं। उन्हें रोस्ट करके सुखा लिया और उन दानों को पीसकर आटा मिल जाएगा, यह सोचकर उन्होंने रोलर में डाल दिया। ऐसा करने से आटे की शीट तो नहीं बनी, लेकिन छोटे-छोटे पतले और चपटे रोस्टेड फ्लेक्स बन गए। कीथ ने इन फ्लेक्स को मीठे दूध में मिलाकर मरीजों को खिलाया। मरीजों को यह फ्लेक्स बहुत पसंद आए। इसके बाद जॉन हार्वे और विल कीथ ने दूसरे अनाज के दानों से भी ऐसे फ्लेक्स बनाए। मकई या कॉर्न से बने फ्लेक्स इनमें सबसे ज्यादा पसंद किए गए। उन्होंने अपने कॉर्नफ्लेक्स को ‘केलॉग ग्रेनोस’ नाम दिया, जिसका 31मई 1895 को पेटेंट दायर किया गया। इसे 14 अप्रैल 1896 को जारी किया गया। ग्रेनोस दुनिया का पहला फ्लेक्स-भोजन साबित हुआ। इन दोनों केलॉग भाइयों ने 19 फरवरी 1906 में केलॉग्स कंपनी बनाई, जिसके माध्यम से आम लोगों के लिए भी कॉर्नफ्लेक्स बनाने लगे। आज दुनिया भर के तकरीबन 180 देशों में केलॉग कंपनी के कई ब्रांड इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन कॉर्नफ्लेक्स तो हर परिवार का पसंदीदा नाश्ता  है।

No comments:

Post a Comment