Saturday 18 January 2014

चुनाव के बाद सांसद खुद तय करेंगे प्रधानमंत्री: राहुल गांधी

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gandi rahul up hand
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि आम चुनावों के बाद पार्टी के सांसद ही पीएम चुनेंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की बैठक में राहुल नए अंदाज में दिखे। तालकटोरा स्टेडियम में हुई बैठक के दौरान राहुल के भाषण से साफ था कि कांग्रेस की कमान अब उनके हाथ में है। अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए उन्होंने युवाओं, महिलाओं और मध्य वर्ग का जिक्र किया।
आम चुनाव से ठीक पहले बैठक बुलाने का मकसद विधानसभा चुनाव में हार से मायूस कार्यकर्ताओं में जोश भरना था। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हम लड़ेंगे और जरूर जीतेंगे। राहुल ने कहा कि विपक्ष की मार्केटिंग शानदार है, जो गंजों को कंघा बेच रही है। 'आप' पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ नए आए हैं, जिन्होंने हजामत भी शुरू कर दी है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सम्मेलन में अपने 45 मिनट के भाषण में कांग्रेस उपाध्यक्ष और सोनिया ने राहुल को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा को विराम दे दिया। उनका कहना था कि पार्टी की परंपरा रही है कि प्रधानमंत्री का चयन चुने हुए सांसद करते हैं। राहुल के भाषण पर देश भर से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कई बार तालियां बजायीं। राहुल ने कहा कि कांग्रेस आगे आने वाली कड़ी चुनौती के लिए तैयार है और जब तक संघर्ष जीत नहीं लिया जाता, हम रुकेंगे नहीं। भाजपा और उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत अभियान की धज्जियां उड़ाते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस एक विचार है, जिसे मिटाया नहीं जा सकता। जिसने भी ऐसा करने की कोशिश की, वह खुद ही मिट गया। पार्टी की पहुंच को व्यापक बनाने की अपील करते हुए उन्होंने युवाओं, महिलाओं, दबे कुचले वर्ग और गरीबी रेखा से ऊपर उठे एवं मध्य वर्ग का हिस्सा बनने वाले लोगों के मुद्दों पर विशेष ध्यान देने की बात कही। वस्तुत: निर्देश की मुद्रा में राहुल ने सरकार से कहा कि वह सब्सिडी वाले सिलिण्डरों की संख्या की वार्षिक सीमा 9 से बढ़ाकर 12 करे। उनकी इस बात का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कवायद में राहुल ने कहा कि रात कितनी भी काली हो, संघर्ष कितना भी कठिन हो, कांग्रेस एक योद्धा की तरह जाएगी और उसका सिर ऊंचा रहेगा। वह साहस नहीं  खोएगी। टिकट बंटवारे के लिए नये नियम तय करते हुए राहुल ने कहा कि पार्टी बदलने वालों को टिकट नहीं दिया जाएगा। टिकट उन्हीं को मिलेगा, जिनके खून में कांग्रेस है। मोदी का नाम लिये बिना राहुल ने कहा कि लोकतंत्र हुक्म से नहीं चलता, किसी एक व्यक्ति से नहीं चलता, बल्कि यह चुने हुए प्रतिनिधियों से सशक्त होता है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह पिछले 10 साल से साल दर साल दिन ब दिन संसद बाधित करती है और सरकार को महत्वपूर्ण कानून बनाने से रोकती है। अगले तीन महीने के लिए एजेंडा तय करते हुए राहुल ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार रोधी छह विधेयक पारित कराना सुनिश्चित करेगी। इससे दोषियों को सजा और ईमानदार को सुरक्षा सुनिश्चित होगी। लोकसभा चुनाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल चुनाव नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की यात्रा में मील का पत्थर होगा। राहुल ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि पार्टी को बदलना चाहिए या नहीं बल्कि सवाल यह है कि कब और कैसे। हमारे आसपास जो बदलाव हो रहे हैं, उन्हें रोका नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अन्य लोगों की तरह हम शिकायत करके कोई जवाब नहीं देते बल्कि मुद्दों का समाधान करते हैं। अन्य की तरह हम दिन ब दिन साल दर साल संसद बाधित कर जवाब नहीं देते। अन्य की तरह हम सांप्रदायिक नफरत की आग लगाकर लोगों को लोगों के खिलाफ खड़ा कर जवाब नहीं देते। हम लोकतंत्र के ढांचे को किसी एक व्यक्ति के हवाले कर जवाब नहीं देते। कांग्रेस लोकतंत्र से जवाब देती है। भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि देश के सामने सबसे बड़ा खतरा सांप्रदायिक शक्तियों और विचारधारा से है। उधर एआईसीसी के प्रस्ताव में समान विचारों वाली राजनीतिक और सामाजिक शक्तियों को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर साथ आने का आह्वान किया गया। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की ओर इशारा करते हुए सोनिया ने कहा कि आम आदमी की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने में कुछ कमियां हुई हो सकती हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि संप्रग सरकार द्वारा लागू कार्यक्रमों और नीतियों के मददेनजर उनकी पार्टी के प्रति थोड़ा नरम रुख अपनाएं।

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