Sunday 19 January 2014

बेटे की राजनीतिक बलि नहीं देना चाहतीं सोनिया: मोदी

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modi ji on rock
लोकसभा चुनाव के मोड में आये भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रविवार को अत्यंत आक्रामक तेवर अपनाते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राहुल को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार इसलिए नहीं बनने दिया, क्योंकि मां के रूप में वह अपने बेटे की राजनी तिक बलि के लिए तैयार नहीं थीं।
मोदी ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर खुला हमला बोलते हुए पिछड़ी जाति और गरीबी के कार्ड को आगे बढ़ाया और कहा कि कांग्रेस ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार इसलिए घोषित नहीं किया, क्योंकि इस कुलीन वर्ग को उन जैसे पिछड़ी जाति और चाय बेचने वाले के सामने मैदान में उतरने में शर्म महसूस होती है। भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाये जाने के मुझे दो कारण दिखाई दे रहे हैं। राजनीतिक कारण तो है ही, लेकिन इसके साथ एक मानवीय कारण भी है। जब लोकसभा चुनाव में पराजय निश्चित दिख रही है और विनाश सामने नजर आ रहा है तो कोई मां अपने बेटे की राजनीतिक बलि चढ़ाने के लिए तैयार नहीं होती है। तो मां का यही निर्णय रहा..मेरे बेटे को बचाओ। उन्होंने पिछड़ी जाति के कार्ड को आगे बढ़ाते हुए कहा कि राहुल को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाने के पीछे एक कारण यह भी है, क्योंकि वह उच्च कुल में पैदा हुए हैं और कुलीन लोगों में एक भय यह भी है कि उनके सामने जो उम्मीदवार है, वह पिछड़ी जाति में पैदा हुआ है। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद की दौड़ से भागने का और भी कारण है, वह ये कि जिस परंपरा में वह पले-बढ़े हैं और जिस परिवार के हैं और जिस तरह वह जीते हैं, उनके मन की रचना भी सामंतशाही होती है। वह किसी चाय वाले से भिड़ना पसंद नहीं करेंगे। उन्होंने कटाक्ष किया, वे नामदार हैं, मैं कामदार हूं। ऊंच-नीच का मामला है। कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किये जाने की परंपरा की दलील की चीरफाड़ करते हुए मोदी ने सवाल किया कि 1947 में भारत जब आजाद हुआ तो कांग्रेस की यह कथित परंपरा कहां चली गयी थी। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस एक स्वर में सरदार बल्लभभाई पटेल को प्रधानमंत्री चाहती थी, लेकिन वो कौन सी परंपरा थी, जिसने पटेल को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया। मोदी ने कहा कि 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो राजीव गांधी दिल्ली से बाहर कोलकाता में थे। वह तुरंत दिल्ली आये और कुछ ही पल में उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी गयी। उन्होंने कहा कि परंपरा की बात करने वाली कांग्रेस से मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कोई संसदीय दल की बैठक हुई थी, क्या संसदीय दल ने (राजीव को) प्रधानमंत्री चुना था, दो चार लोगों ने हड़बड़ी में उन्हें प्रधानमंत्री बनाने का फैसला कर डाला और आज हमें परंपरा की सीख दी जा रही है। उन्होंने कहा कि 2004 के लोकसभा चुनाव के बारे में भी मैं दावे से कह सकता हूं कि (कांग्रेस के) किसी संसदीय दल ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री नहीं चुना था। उसने सोनिया गांधी को इस पद के लिए चुना था, लेकिन बाद में सोनिया ने सिंह को मनोनीत कर उन्हें इस पद पर नियुक्त कर दिया। संसदीय परंपरा की बातें करके कांग्रेस के नेता सच्चाई से नहीं बच सकते। कुछ कांग्रेसी नेताओं द्वारा उन्हें चाय वाला कहे जाने पर व्यंग्य करते हुए मोदी ने कहा कि इन दिनों चाय वाले की बड़ी खातिरदारी हो रही है। देश का हर चाय वाला आज सीना तान कर घूम रहा है। चाय वाले से भिड़ने में कांग्रेस को बड़ी शर्मिन्दगी हो रही है। ये बहुत ईमानदार है (लोग कहते हैं)। उन्हें (कांग्रेस को) ईमानदार से मुकाबला करने में शर्म महसूस होती है। कांग्रेसियों के मेरे बारे में ऐसे बयान उनकी सामंतवादी मानसिकता को दर्शाते हैं।

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