Thursday 30 January 2014

भारत में लगेगा दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट

एजेंसी,नई दिल्ली। देश की पहली मेगा सोलर पावर परियोजना का रास्ता साफ हो गया है. 4,000 मेगावाट क्षमता की यह परियोजना राजस्थान में जयपुर के पास लगाई जाएगी. भेल तथा पावर ग्रिड कार
Solar
पोरेशन समेत सार्वजनिक क्षेत्र की छह कंपनियों ने राजस्थान में दुनिया की सबसे बड़ी 4,000 मेगावाट क्षमता की अति वृहत सौर बिजली परियोजना लगाने के लिये शुरूआती समझौता किया है.

केन्द्रीय नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्री श्री फारूख अब्दुल्ला और भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री श्री प्रफुल्ल पटेल की मौजूदगी में हुए इस समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर भारत सरकार के उपक्रम भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एस.ई.सी.आई.), सांभर सॉल्ट लिमिटेड (एस.एस.एल.), पावर ग्रिड कॉरर्पोरेशन, सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एस.जे.वी.एन) और राजस्थान इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड इंस्ट्रयुमेंट्स लिमिटेड (रील) के वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए.

इस मौके पर रील के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री ए.के.जैन भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि जयपुर जिले के फूलेरा तहसील के निकट लगने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना में रील की तीन प्रतिशत भागीदारी होगी, जबकि सबसे अधिक साझेदारी 26 प्रतिशत भेल, 23 प्रतिशत एस.ई.सी.एल. और 16-16 प्रतिशत एस.एस.एल., एस.जे.वी.एन. एवं पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन की रहेगी.

इन सभी साझेदार कंपनियों के बीच एक समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किया गया. यह प्लांट न सिर्फ देश की बिजली जरूरत को पूरा करेगा, बल्कि ताप, जल और परमाणु बिजली घर लगने से पर्यावरण को होने वाली हानि भी नहीं होगी. साथ ही इससे पैदा होने वाली बिजली सस्ती भी होगी
एजेंसी,नई दिल्ली। देश की पहली मेगा सोलर पावर परियोजना का रास्ता साफ हो गया है. 4,000 मेगावाट क्षमता की यह परियोजना राजस्थान में जयपुर के पास लगाई जाएगी. भेल तथा पावर ग्रिड कारपोरेशन समेत सार्वजनिक क्षेत्र की छह कंपनियों ने राजस्थान में दुनिया की सबसे बड़ी 4,000 मेगावाट क्षमता की अति वृहत सौर बिजली परियोजना लगाने के लिये शुरूआती समझौता किया है.
केन्द्रीय नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्री श्री फारूख अब्दुल्ला और भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री श्री प्रफुल्ल पटेल की मौजूदगी में हुए इस समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर भारत सरकार के उपक्रम भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एस.ई.सी.आई.), सांभर सॉल्ट लिमिटेड (एस.एस.एल.), पावर ग्रिड कॉरर्पोरेशन, सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एस.जे.वी.एन) और राजस्थान इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड इंस्ट्रयुमेंट्स लिमिटेड (रील) के वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए.
इस मौके पर रील के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री ए.के.जैन भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि जयपुर जिले के फूलेरा तहसील के निकट लगने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना में रील की तीन प्रतिशत भागीदारी होगी, जबकि सबसे अधिक साझेदारी 26 प्रतिशत भेल, 23 प्रतिशत एस.ई.सी.एल. और 16-16 प्रतिशत एस.एस.एल., एस.जे.वी.एन. एवं पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन की रहेगी.
इन सभी साझेदार कंपनियों के बीच एक समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किया गया. यह प्लांट न सिर्फ देश की बिजली जरूरत को पूरा करेगा, बल्कि ताप, जल और परमाणु बिजली घर लगने से पर्यावरण को होने वाली हानि भी नहीं होगी. साथ ही इससे पैदा होने वाली बिजली सस्ती भी होगी
- See more at: http://janoduniya.tv/business/the-worlds-largest-solar-power-project-in-india/201438097#sthash.FyVhYQFI.dpuf
एजेंसी,नई दिल्ली। देश की पहली मेगा सोलर पावर परियोजना का रास्ता साफ हो गया है. 4,000 मेगावाट क्षमता की यह परियोजना राजस्थान में जयपुर के पास लगाई जाएगी. भेल तथा पावर ग्रिड कारपोरेशन समेत सार्वजनिक क्षेत्र की छह कंपनियों ने राजस्थान में दुनिया की सबसे बड़ी 4,000 मेगावाट क्षमता की अति वृहत सौर बिजली परियोजना लगाने के लिये शुरूआती समझौता किया है.
केन्द्रीय नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्री श्री फारूख अब्दुल्ला और भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री श्री प्रफुल्ल पटेल की मौजूदगी में हुए इस समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर भारत सरकार के उपक्रम भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एस.ई.सी.आई.), सांभर सॉल्ट लिमिटेड (एस.एस.एल.), पावर ग्रिड कॉरर्पोरेशन, सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एस.जे.वी.एन) और राजस्थान इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड इंस्ट्रयुमेंट्स लिमिटेड (रील) के वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए.
इस मौके पर रील के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री ए.के.जैन भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि जयपुर जिले के फूलेरा तहसील के निकट लगने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना में रील की तीन प्रतिशत भागीदारी होगी, जबकि सबसे अधिक साझेदारी 26 प्रतिशत भेल, 23 प्रतिशत एस.ई.सी.एल. और 16-16 प्रतिशत एस.एस.एल., एस.जे.वी.एन. एवं पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन की रहेगी.
इन सभी साझेदार कंपनियों के बीच एक समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किया गया. यह प्लांट न सिर्फ देश की बिजली जरूरत को पूरा करेगा, बल्कि ताप, जल और परमाणु बिजली घर लगने से पर्यावरण को होने वाली हानि भी नहीं होगी. साथ ही इससे पैदा होने वाली बिजली सस्ती भी होगी
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केन्द्रीय नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्री श्री फारूख अब्दुल्ला और भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री श्री प्रफुल्ल पटेल की मौजूदगी में हुए इस समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर भारत सरकार के उपक्रम भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एस.ई.सी.आई.), सांभर सॉल्ट लिमिटेड (एस.एस.एल.), पावर ग्रिड कॉरर्पोरेशन, सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एस.जे.वी.एन) और राजस्थान इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड इंस्ट्रयुमेंट्स लिमिटेड (रील) के वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए.
इस मौके पर रील के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री ए.के.जैन भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि जयपुर जिले के फूलेरा तहसील के निकट लगने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना में रील की तीन प्रतिशत भागीदारी होगी, जबकि सबसे अधिक साझेदारी 26 प्रतिशत भेल, 23 प्रतिशत एस.ई.सी.एल. और 16-16 प्रतिशत एस.एस.एल., एस.जे.वी.एन. एवं पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन की रहेगी.
इन सभी साझेदार कंपनियों के बीच एक समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किया गया. यह प्लांट न सिर्फ देश की बिजली जरूरत को पूरा करेगा, बल्कि ताप, जल और परमाणु बिजली घर लगने से पर्यावरण को होने वाली हानि भी नहीं होगी. साथ ही इससे पैदा होने वाली बिजली सस्ती भी होगी
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केन्द्रीय नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्री श्री फारूख अब्दुल्ला और भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री श्री प्रफुल्ल पटेल की मौजूदगी में हुए इस समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर भारत सरकार के उपक्रम भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एस.ई.सी.आई.), सांभर सॉल्ट लिमिटेड (एस.एस.एल.), पावर ग्रिड कॉरर्पोरेशन, सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एस.जे.वी.एन) और राजस्थान इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड इंस्ट्रयुमेंट्स लिमिटेड (रील) के वरिष्ठ अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए.
इस मौके पर रील के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री ए.के.जैन भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि जयपुर जिले के फूलेरा तहसील के निकट लगने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना में रील की तीन प्रतिशत भागीदारी होगी, जबकि सबसे अधिक साझेदारी 26 प्रतिशत भेल, 23 प्रतिशत एस.ई.सी.एल. और 16-16 प्रतिशत एस.एस.एल., एस.जे.वी.एन. एवं पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन की रहेगी.
इन सभी साझेदार कंपनियों के बीच एक समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किया गया. यह प्लांट न सिर्फ देश की बिजली जरूरत को पूरा करेगा, बल्कि ताप, जल और परमाणु बिजली घर लगने से पर्यावरण को होने वाली हानि भी नहीं होगी. साथ ही इससे पैदा होने वाली बिजली सस्ती भी होगी
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