Tuesday 28 January 2014

नमो पर राहुल ने किया कटाक्ष, भाजपा ने किया पलटवार

Image Loadingभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी के साथ बहस से इसलिए बच रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी हार तय है।
राहुल के सोमवार को टेलीविजन चैनल को दिए गए साक्षात्कार का ह वाला देते हुए पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल ने यह माना है कि उनकी हार सुनिश्चित है। प्रसाद ने कहा कि उनके पास मोदी को क्लीन चिट दिए जाने पर पूछे गए लगातार सवाल का जवाब नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि वह मोदी के खिलाफ सीधी प्रतिस्पर्धा से क्यों बच रहे हैं, उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं था। भाजपा नेता ने कहा कि राहुल के विपरीत आपके पास मोदी है जो गरीबी में पैदा हुए हैं, वह अपनी कड़ी मेहनत से आगे आए हैं। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि राहुल को सही जानकारियां नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि 2002 के दंगों को नियंत्रित करने के लिए गुजरात सरकार ने कारगर कदम उठाए जबकि 1984 के सिख विरोधी दंगों पर काबू पाने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया गया। भाजपा के अन्य नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में गुजरात दंगों से कहीं अधिक लोग मारे गए थे। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि मुझे मोदी से टकराव का कोई डर नहीं है। मैंने अपनी दादी और पिता को मरते हुए देखा है। मैं किसी चीज से नहीं डरता हूं। दस साल में पहली बार किसी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में राहुल ने कहा कि पहले मुझे समझ लीजिए। आपको खुद ही यह जवाब मिल जाएगा कि मैं किससे डरता हूं। राहुल ने अपने पहले टीवी इंटरव्यू में मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, लोकतंत्र का मतलब सोच विचार कर फैसले लेना है। प्रक्रियाओं को खत्म कर देना नहीं। उन्होंने कहा मुझे महाभारत के अर्जुन की तरह सिर्फ एक ही चीज दिखाई देती है। मेरा लक्ष्य भारत के राजनीतिक तंत्र को बदलने का है। इसके लिए युवाओं को इससे जोड़ना है। मोदी की नरसंहार में भूमिका थी
राहुल ने मोदी को 'जनसंहार' के लिए जिम्मेदार बताए जाने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, मोदी की अहमदाबाद की गलियों में हुए नरसंहार में सीधी भूमिका रही है। उन्होंने इशारों ही इशारों में मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, मैं गलती करने वाले दो लोगों के प्रति अपने गुस्से को लाखों पर उतारने में विश्वास नहीं रखता। 84 दंगों में कुछ कांग्रेसियों की भूमिका
राहुल ने पहली बार माना कि 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में कुछ कांग्रेसी नेताओं की भी भूमिका रही थी। कुछ कांग्रेसी नेताओं को इन दंगों के लिए सजा भी मिली। इस दौरान उन्होंने सिखों की तारीफ करते हुए कहा कि, 77 की चुनावी हार के बाद सिखों ने मेरी दादी का साथ दिया था। गुजरात और सिख विरोधी दंगों में अंतर
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों और 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में बहुत अंतर है। उन्होंने कहा कि  मेरे पिता ने सिख विरोधी दंगों को रोकने के लिए काफी प्रयास किए थे। लेकिन गुजरात सरकार ने दंगों को बढ़ावा दिया था। दंगों पर माफी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह इन दंगों में शामिल नहीं थे। राजनीतिक पार्टियां आरटीआई के दायरे में आएं
कांग्रेस को आरटीआई के दायरे में लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर आम सहमति हो तो वह राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के दायरे में लाए जाने को लेकर सहमत हैं। हालांकि उन्होंने सवाल भी उठाया कि मीडिया और न्यापालिका भी आरटीआई के अंतर्गत नहीं आती। ऐसे में एक-दो नहीं सभी को इसके दायरे में होना चाहिए।

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