Monday 22 July 2013

2जी: अनिल अंबानी की अर्जी पर बुधवार को होगी सुनवाई

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रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में बुलाने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (आरटीएल) आज उच्चतम न्यायालय पहुंची।
  
प्रधान न्यायाधीश पी़ सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आज शीघ्र सुनवाई के लिये इस याचिका का उल्लेख किया गया। खंडपीठ याचिका पर सुनवाई के लिये सहमति हो गई और इसे सुनवाई हेतु एक उचित पीठ के समक्ष 24 जुलाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया।
  
टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन प्रकरण में मुकदमे का साम ना कर रही रिलायंस टेलीकाम लिमिटेड निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंची है, क्योंकि पूर्व में उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय सहित अन्य सभी अदालतों को इस प्रकरण से संबंधित किसी भी याचिका पर विचार से रोक दिया था।
  
निचली अदालत ने 19 जुलाई को सीबीआई का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया था कि अनिल अंबानी और टीना अंबानी की गवाही उनके समूह की कंपनियों द्वारा स्वान टेलीकॉम में 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश पर प्रकाश डाल सकती है, जो इसके प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका के साथ मुकदमे का सामना कर रही है। सीबीआई ने कोर्ट में आग्रह किया था कि रिलायंस एडीएजी समूह की कंपनियों द्वारा कथित तौर पर स्वॉन टेलीकॉम में किए गए 990 करोड़ रुपये के निवेश के बारे में जानकारी को उनकी गवाही जरूरी है, क्योंकि पूर्व में पेश गवाहों से इस बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाई है। जांच एजेंसी का कहना था कि एडीएजी समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ऐसे व्यक्ति हैं, जो इस निवेश से संबंधित पहलुओं पर प्रकाश डाल सकेंगे। विशेष सरकारी वकील यू यू ललित ने कहा था कि स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड में रिलायंस एडीएजी कंपनियों के 990 करोड़ रुपये से अधिक के कथित निवेश से जुड़े मामले पर अनिल अंबानी से जिरह की जरूरत है। स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा इसी अदालत में चल रहा है। ललित ने आरोप लगाया था कि शायद वह (अनिल अंबानी) उस बैठक में शामिल नहीं थे, जिसमें यह फैसला किया गया, लेकिन वह इस बात से वाकिफ थे और मेरे हिसाब से इतना काफी है। 992 करोड़ रुपए का निवेश किया गया। उन्हें इस घटनाक्रम के बारे में पता था। वह ऐसे व्यक्ति हैं जो इस मामले में रोशनी डाल सकते हैं। ललित ने अदालत से यह भी कहा कि जहां तक बैठक का सवाल है्र तो टीना अंबानी ने इससे जुड़ी बैठकों की अध्यक्षता की थी। सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने इस मामले में फंसे रिलायंस एडीएजी के तीन शीर्ष कार्यकारियों की ओर से कहा था कि जांच एजेंसी की ओर से आवेदन करने में देरी से पता चलता है कि यह सच्ची नहीं है। सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए स्वान टेलीकॉम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने कहा कि जांच एजेंसी सुनवाई के इस चरण में एक नया मामला स्थापित करने की कोशिश कर रही है।

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