Friday 19 July 2013

भाजपा की चुनावी टीम तैयार, मोदी ने दिया 'नमो' मंत्र

Image Loading
आगामी लोकसभा और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने में जुटी भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी के सिपहसालारों की चुनाव कार्य संबंधी जिम्मेदारी तय कर दी गई है। इनके नामों की औपचारिक घोषणा आज की जाएगी।
पार्टी प्रमुख राजनाथ सिंह की अध्यक्ष ता में लगभग दो घंटे चली बैठक में चुनावों के अलावा संसद के मानसून सत्र, देश की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार पार्टी की सर्वोच्च संस्था की बैठक में चुनावी रणनीति और तैयारियों को अमली जामा पहनाने के लिए कुछ समितियों के गठन को अंतिम रूप दिया गया है। इन समितियों की बागडोर राष्ट्रीय महासचिवों के साथ साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सौंपी जा रही है। इन नेताओं और समितियों के नामों की औपचारिक घोषणा आज की जायेगी। बैठक में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली और केन्द्रीय चुनाव प्रचार अभियान समिति के प्रमुख नरेंद्र मोदी सहित बोर्ड के सभी सदस्यों ने बैठक में भाग लिया। सूत्रों के अनुसार बैठक में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जिन उप समितियों के गठन को अंतिम रूप दिया गया है, उनमें चुनाव अभियान समिति, चुनाव संबंधी साहित्य तथा सामग्री और चुनाव घोषणा पत्र समिति प्रमुख हैं। यह पहला मौका है, जब चुनाव के लिए महासचिवों के साथ साथ वरिष्ठ नेताओं को अलग से विशेष जिम्मेदारी दी जा रही है। लगातार तीसरी बार गुजरात की सत्ता में काबिज हुए नरेंद्र मोदी ने आगामी लोकसभा में जीत के लिए दो मंत्र दिए हैं। गुजरात चुनाव में 3डी प्रचार का इस्तेमाल कर चुके मोदी ने नेताओं को आक्रामक रणनीति और सोशल मीडिया के जरिये लोगों का दिल जीतने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि 2014 तक देश में 14 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे। भाजपा को उन तक पहुंचना होगा। मोदी ने कहा कि 2004 के चुनाव में कांग्रेस 11 करोड़ मतदाताओं का वोट लेकर सत्ता में आई थी। जबकि 2014 तक इससे ज्यादा लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे होंगे। उन्हें नहीं छोड़ा जा सकता है। लिहाजा, पारंपरिक चुनावी प्रचार के साथ-साथ सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना होगा। मोदी का यह मंत्र इसलिए अहम है] क्योंकि भाजपा की नजर इस बार युवाओं पर होगी। यह वर्ग खासकर सोशल मीडिया से प्रभावित है। अन्ना हजारे के प्रदर्शन और दिल्ली के गैंगरेप कांड में भी इस मीडिया की ताकत साबित हो चुकी है। गौरतलब है कि 2004 चुनाव में भी भाजपा ने हाईटेक चुनाव प्रचार का सहारा लिया था, लेकिन तब सोशल मीडिया अस्तित्व में नहीं था। सुशासन का हवाला देते हुए मोदी ने भाजपा शासित राज्यों की उपलब्धियों का बखान करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में भाजपा कभी नहीं रही है वहां कांग्रेस शासन की खामियों को आक्रामक तरीके से गिनाना होगा।

No comments:

Post a Comment