Thursday 18 July 2013

दिल्ली का लाइफस्टाइल मिस करता हूं : कीथ

Image Loadingम्यूजिक चैनल बी4यू में वीजे रहे और हाल ही में रिलीज फिल्म '16' के नायक कीथ किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। खास बात ये है कि कीथ को हमारी दिल्ली खासी पसंद है। वो तारीफ के पुल बांधते नहीं थकते। दिल्ली से उनके जुड़ाव के बारे में उनसे बात की आरती मिश्रा ने। पेश हैं इस बातचीत के कुछ अंश—
- दिल्ली क्यों पसंद है आपको ?
दिल्ली में ही पैदा हुआ, यही पला-बढ़ा। मेरी जान है दिल्ली। दिल्ली जैसा लाइफस्टाइल और कहीं नहीं। यहां के लोगों का बिंदासपन और खुला दिल मुझे भाता है। ढेर सारी यादें जुड़ी हैं यहां से। सच में, दिल्ली को बहुत मिस करता हूं। दिल्ली से बाहर निकले 10 साल हो चुके हैं। इस बीच कई शहरों को देखा है, पर दिल वालों की दिल्ली कहीं नहीं मिली। इसीलिए जैसे ही मौका मिलता है, दिल्ली चला आता हूं। - घूमने का मन करेगा तो कहां जाएंगे आप?
दिल्ली में मुझे सबसे ज्यादा पसंद है इंडिया गेट। वहां के बड़े-बड़े पार्क और चौड़ी सड़कें हमेशा से लुभाती रही हैं मुझे। बचपन में मम्मी-पापा के साथ वहां सबसे ज्यादा जाया करता था। चिल्ड्रंस पार्क में खूब मजे करता था। आज भी वहीं जाना पसंद करूंगा। - खाने में कितनी चटपटी है दिल्ली?
दिल्ली तो खाने के लिए मशहूर है। हर तरह का खाना यहां मिल जाता है। वैसे मुझे पंडारा रोड के गुलाटी का बटर चिकन पसंद है। चांदनी चौक के परांठे भी खूब खाता हूं। गोलगप्पे से लेकर कुल्फी, सब कुछ पसंद है मुझे। - खरीदारी कहां से करते रहे हैं?
शॉपिंग के लिए जनपथ जाना पसंद करता हूं। वहां मिलने वाली एंटीक चीजें बड़ी पसंद हैं मुझे। वैसे दिल्ली हाट भी मेरे लिए अच्छा विकल्प साबित हुआ है। कपड़ों में मेरी फेवरेट है सफेद शर्ट और नीली जींस। - फैशन में कैसी है दिल्ली?
दिल्ली के लोग हर नए फैशन को अपना लेते हैं। खासकर यहां का यूथ ऐसा ही है। हर तरह के कपड़े पहने बिंदास युवा बड़े अच्छे लगते हैं। कैंपस में जाओ तो वहां का नजारा तो और ही होता है। फैशन में दिल्ली का कोई जोड़ नहीं।   -मुंबई में तो नाइट आउट्स का चलन है, पर क्या दिल्ली में भी आपने ऐसा किया है कभी? कोई यादगार लम्हा है क्या?
कभी-कभी दोस्तों संग निकल जाया करता था। एक किस्सा बताता हूं। अपनी गर्लफ्रेंड के साथ डिनर करके घर जा रहा था। लोदी गार्डन के पास पहुंचते ही उसकी तबीयत खराब होने लगी। मैंने वहां गाड़ी रोकी और उसे पानी पिलाया। तभी ट्रैफिक पुलिस वाले आए और उन्होंने मुझे डांटा और पूछा, ‘यहां गाड़ी मत रोका करो। क्या हो रहा है गाड़ी के अंदर? यह लड़की कौन है? कहां ले जा रहे हो इसे? और भी न जाने क्या-क्या..’ तब मैंने उन्हें समझाया कि वह मेरी दोस्त है और उसकी तबीयत खराब होने पर मैंने गाड़ी रोकी है। इसके बाद हम वहां से रफूचक्कर हो गए। - फ्री होते हैं तो क्या करते हैं?
जब भी काम से फुरसत मिलती है तो खूब सोता हूं। पार्टी मैं ज्यादा करता नहीं हूं। हां, परिवार और दोस्तों के साथ घर में समय बिताना मुझे बहुत पसंद है। जब दिल्ली में होता हूं तो पुराने दोस्तों संग घूमने निकल जाता हूं। - दिल्ली में कौन-सी जगह आज तक याद है?
मेरा स्कूल (सेंट कोलंबस) और रेलवे म्यूजियम। स्कूल से अब भी यादें जुड़ी हुई हैं और रेलवे म्यूजियम इसलिए, क्योंकि दोस्तों के साथ अक्सर वहां घूमने चला जाया करता था। - दिल्ली में पहली बार फिल्म कहां देखी?
इरोस नाम के थियेटर में देखी थी। पहली फिल्म जो देखी, वो थी मिस्टर नटवरलाल। अमिताभ बच्चन को तभी से पसंद करने लगा था और सोचा था कि एक दिन उन्हीं की तरह स्टार बनूंगा। - कितना बदला है यह शहर?
दिल्ली का विकास बहुत हुआ है। पहले से ज्यादा साफ-सुथरी हो गई है दिल्ली। खुली सड़कें, चौड़े ब्रिज बहुत भाते हैं। लेकिन महिलाओं को लेकर यह शहर सुरक्षित नहीं रहा है। बस यही बात मन में टीस लाती है। मैं खुद भी अपने परिवार की महिला सदस्यों के रात में दिल्ली में निकलने के पक्ष में नहीं हूं।

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