Tuesday 23 July 2013

जानिए क्या है बिहार से बंगाल तक देश का मिजाज

Image Loadingलोकसभा चुनाव में अभी करीब 1 साल का वक्त है, लेकिन चुनाव अभी हों तो बिहार और पश्चिम बंगाल में क्या होगा? एक सर्वे के मुताबिक इस वक्त लोकसभा चुनाव होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू बिहार में सबसे ज्यादा सीटें हासिल कर सकती है, जबकि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में लेफ्ट का सूपड़ा साफ कर देंगी।
बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन टूटने का सबसे ज्यादा फायदा लालू यादव को मिलेगा। कांग्रेस को 2009 में जहां दो सीटें मिली थीं, वहीं इस वक्त चुनाव कराया गया तो ऐसा भी हो सकता है कि उसे 1 भी सीट न मिले। वहीं, बीजेपी और जेडीयू को आपसी तनाव का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। सर्वे में बीजेपी को 8 से 12 सीटें और जेडीयू को 15 से 19 सीटें मिलने का अनुमान सामने आया है। जबकि आरजेडी को 2009 की चार सीटों के मुकाबले 2013 में 8 से 12 सीटें तक मिल सकती हैं। बीजेपी और जेडीयू गठबंधन पर 38 फीसदी वोटरों का कहना है कि नीतीश को गठबंधन की खातिर मोदी को स्वीकार कर लेना चाहिए था, जबकि 20 फीसदी मानते हैं कि बीजेपी को गठबंधन बचाए रखने के लिए नरेंद्र मोदी को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। पश्चिम बंगाल में भी सर्वे के नतीजे दिलचस्प हैं। सर्वे में पश्चिम बंगाल के 1397 वोटर शामिल हुए। यहां कांग्रेस और बीजेपी को वोटों का सीधे फायदा होते दिख रहा है। सर्वे के मुताबिक अगर आज लोकसभा चुनाव हुए तो पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को 22 फीसदी वोट मिल सकते हैं, जो पिछले चुनाव से 8 फीसदी ज्यादा है। बीजेपी को पिछले चुनाव से दोगुना वोट मिल सकते हैं। जबकि तृणमूल के वोट शेयर में मामूली बढ़त होगी लेकिन वाम मोर्चे को भारी नुकसान होता दिख रहा है। हालांकि कांग्रेस बीजेपी को जितना वोटों का फायदा होता दिख रहा है वो सीटों में नहीं तब्दील हो रहा है। कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा 9 सीटें मिलेंगी। जबकि 32 फीसदी सीटों के साथ तृणमूल 23 से 27 सीटें जीत सकती है। लेफ्ट को सीटों का नुकसान होने का अंदेशा है। वैसे सर्वे के दौरान पश्चिम बंगाल में 15 फीसदी वोटर मुद्दों पर कोई राय नहीं बना पाए थे। जब लोगों से पूछा कि किसकी सरकार बेहतर है। इस सवाल के जवाब में 39 फीसदी ग्रामीण लोगों ने तृणमूल को बेहतर बताया, तो 29 फीसदी ने लेफ्ट को। लेकिन शहरी इलाकों में 37 फीसदी ने तृणमूल को, तो 39 फीसदी ने लेफ्ट की सरकार को अच्छा बताया।

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