Thursday 18 July 2013

बारिश की छुट्टी में मस्ती

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Rainday holiday play game
चिंटू कंप्यूटर गेम तो खेल लेता था, लेकिन लूडो, सांप-सीढ़ी, कैरमबोर्ड नहीं खेल पाता था। एक ही दिन में पिंकी दीदी ने उसे कई गेम सिखा दिये थे। जब बनी आ गया तो उसे खेलने में और मजा आ गया। बनी के साथ खेलते हुए चिंटू ने लूडो और सांप-सीढ़ी में कई बाजी जीत ली थीं। कैरमबोर्ड थोडम उंगलियों की प्रेक्टिस का गेम था, इसलिए खेलने में आनन्द तो खूब आ रहा था, पर निशाना ठीक न लगने से वो हार जाता था।
आज सुबह से ही बहुत तेज बारिश पड़ रही थी। चिंटू को चिंता हो रही थी कि ऐसी बारिश में वह कैसे स्कूल जाएगा। उसके घर से थोड़ी ही दूर बनी का घर था। दोनों दोस्त थे, जो एक ही स्कूल में पढ़ते हैं। चिंटू ने बनी को फोन किया- ‘यार, बड़ी तेज बारिश है, आज स्कूल कैसे जाएंगे?’ बनी बोला- ‘कोई बात नहीं, थोड़ी देर और इंतजार कर लेते हैं। जब बारिश बंद नहीं होगी तो नहीं जाएंगे, घर पर ही मस्ती करेंगे। कोई इंडोर गेम खेलेंगे।’
बारिश स्कूल जाने के समय और तेज हो गई थी। चिंटू की मम्मी ने उसके स्कूल जाने की पूरी तैयारी कर दी थी। चिंटू के पापा ने घर से बाहर झांक कर देखा तो लग रहा था कि बारिश आज पूरे दिन ही होती रहेगी। उन्होंने चिंटू से कहा- ‘बेटा, बहुत बारिश पड़ रही है। रास्ते में तमाम जगहों पर पानी भर गया होगा और समय भी ज्यादा हो गया है। हो सकता है कि आज स्कूल में भी छुट्टी कर दी गई हो, इसलिए तुम भी आज छुट्टी करो।’ यह सुन कर चिंटू खुशी से उछल पड़ा। चिंटू आज वैसे भी स्कूल नहीं जाना चाह रहा था, क्योंकि घर पर उसकी चचेरी बहन पिंकी आई हुई थी। जब बारिश बंद हो गई तो बनी ने चिंटू को फोन किया- ‘यार चिंटू, आज तो स्कूल में बारिश की वजह से छुट्टी ही हो गई। आज तो घर पर ही खूब मस्ती करेंगे। अभी-अभी तो हमारे स्कूल ही खुले हैं, थोड़ी और मस्ती कर लेते हैं। बताओ तुम आज क्या कर रहे हो?’ चिंटू बोला- ‘बनी, घर पर मेरी कजिन सिस्टर आई हुई हैं। मैं उनके साथ कैरमबोर्ड खेल रहा हूं। वैसे भी आज घर से बाहर पार्क में खेल भी नहीं पाएंगे, इंडोर गेम ही खेल सकते हैं। अभी बारिश भी बंद हो गई है। तुम क्या कर रहे हो? फटाफट मेरे घर चले आओ। हम दोनों पिंकी दीदी के साथ खेलेंगे। वह बहुत सारे गेम जानती हैं। चैस और कैरमबोर्ड में तो एक्सपर्ट हैं।’ बनी को पढ़ने से ज्यादा खेलों में आनंद आता था। उसे नये-नये गेम सीखना और खेलना अच्छा लगता था। वह कई गेम खेलना जानता था, पर चैस खेलना नहीं जानता था। उसने सोचा, ‘यह तो बहुत अच्छा मौका है। अब तो चिंटू के घर जाकर पिंकी दीदी से चैस खेलना सीखूंगा।’ उसने मम्मी से कहा- ‘मैं चिंटू के घर जा रहा हूं। घर पर उसकी पिंकी दीदी आई हुई हैं। उनसे कुछ इंडोर गेम सीखने हैं। अभी बारिश भी बंद हो गई है। आने में थोड़ी देर हो जाएगी।’ यह कह कर वह चिंटू के घर आ गया। चिंटू आज बहुत खुश था, क्योंकि पिंकी दीदी की वजह से मम्मी-पापा ने उसे आज पूरे दिन खेलने की छूट दे दी थी। चिंटू कंप्यूटर गेम तो खेल लेता था, लेकिन लूडो, सांप-सीढ़ी, कैरमबोर्ड आदि नहीं जानता था। एक ही दिन में पिंकी दीदी ने उसे कई गेम सिखा दिये थे। जब बनी आ गया तो उसे खेलने में और मजा आ गया। बनी के साथ खेलते हुए चिंटू ने लूडो और सांप-सीढ़ी के खेल में कई बाजी जीत ली थीं। कैरमबोर्ड थोड़ा उंगलियों की प्रेक्टिस का गेम था, इसलिए खेलने में आनन्द तो खूब आ रहा था, पर निशाना ठीक न लग पाने की वजह से हार जाता था। बनी पिंकी से चैस खेलना सीखना चाहता था, इसलिए वह चैस बोर्ड भी अपने साथ लेकर आया। उसने पिंकी से कहा- ‘दीदी, मैं चैस खेलना नहीं जानता। यह माइंड गेम है। मेरी यह गेम सीखने में बहुत रुचि है। मैं चाहता हूं कि यह गेम सीखूं। प्लीज दीदी, मुझे और चिंटू को यह गेम सिखाइये न! हम दोनों जब यह गेम खेलेंगे तो बहुत मजा आएगा।’ पिंकी बोली- ‘जरूर सिखाएंगे। यह गेम है ही ऐसा। यह दिमाग की पूरी तरह कसरत करा देता है और बहुत मजेदार भी है। तुम्हें पता है, इस खेल के कई फायदे भी हैं। यह आईक्यू बढ़ाता है। इसे खेलने में ब्रेन की एक्सरसाइज होती है और कुछ नया करने को हम प्रेरित होते हैं। सबसे बड़ी बात कि इससे हमारी मैमोरी बढ़ती है और किसी भी समस्या के समाधान करने की क्षमता हमारे अंदर विकसित होती है। इसके अलावा इस खेल से हमारी एकाग्रता बढ़ती है, साथ ही सही निर्णय लेने की दक्षता प्राप्त होती है।’ जब चिंटू और बनी ने पिंकी से चैस खेलने के फायदों के बारे में जाना तो उन दोनों की इस खेल के प्रति रुचि और बढ़ गई। पिंकी ने बड़े मजेदार तरीके से उन्हें चैस खेलना सिखाया। शुरू में प्यादे, राजा, वजीर, घोड़ा, ऊंट आदि के चलने वाले घरों की चालों को याद करने में थोड़ी गड़बड़ी रही, लेकिन बाद में ट्रिक समझ में आने लगीं। अब चिंटू और बनी चैस खेलना सीख गये और पिंकी दीदी को इसके लिए धन्यवाद कहा। पर पिंकी दीदी ने उन्हें एक हिदायत जरूर दी- ‘किसी भी गेम को खेलो तो इतना न खेलो कि उसके पीछे पढ़ाई या कोई दूसरा काम भूल जाओ। खेलने के समय खेलो और पढ़ाई करने के समय खूब पढ़ाई करो।’ शाम को बनी अपने घर आ गया। सारी बातें उसने अपने मम्मी-पापा को बताईं तो वे बहुत खुश हुए।चिंटू कंप्यूटर गेम तो खेल लेता था, लेकिन लूडो, सांप-सीढ़ी, कैरमबोर्ड नहीं खेल पाता था। एक ही दिन में पिंकी दीदी ने उसे कई गेम सिखा दिये थे। जब बनी आ गया तो उसे खेलने में और मजा आ गया। बनी के साथ खेलते हुए चिंटू ने लूडो और सांप-सीढ़ी में कई बाजी जीत ली थीं। कैरमबोर्ड थोडम उंगलियों की प्रेक्टिस का गेम था, इसलिए खेलने में आनन्द तो खूब आ रहा था, पर निशाना ठीक न लगने से वो हार जाता था। आज सुबह से ही बहुत तेज बारिश पड़ रही थी। चिंटू को चिंता हो रही थी कि ऐसी बारिश में वह कैसे स्कूल जाएगा। उसके घर से थोड़ी ही दूर बनी का घर था। दोनों दोस्त थे, जो एक ही स्कूल में पढ़ते हैं। चिंटू ने बनी को फोन किया- ‘यार, बड़ी तेज बारिश है, आज स्कूल कैसे जाएंगे?’ बनी बोला- ‘कोई बात नहीं, थोड़ी देर और इंतजार कर लेते हैं। जब बारिश बंद नहीं होगी तो नहीं जाएंगे, घर पर ही मस्ती करेंगे। कोई इंडोर गेम खेलेंगे।’
बारिश स्कूल जाने के समय और तेज हो गई थी। चिंटू की मम्मी ने उसके स्कूल जाने की पूरी तैयारी कर दी थी। चिंटू के पापा ने घर से बाहर झांक कर देखा तो लग रहा था कि बारिश आज पूरे दिन ही होती रहेगी। उन्होंने चिंटू से कहा- ‘बेटा, बहुत बारिश पड़ रही है। रास्ते में तमाम जगहों पर पानी भर गया होगा और समय भी ज्यादा हो गया है। हो सकता है कि आज स्कूल में भी छुट्टी कर दी गई हो, इसलिए तुम भी आज छुट्टी करो।’ यह सुन कर चिंटू खुशी से उछल पड़ा। चिंटू आज वैसे भी स्कूल नहीं जाना चाह रहा था, क्योंकि घर पर उसकी चचेरी बहन पिंकी आई हुई थी। जब बारिश बंद हो गई तो बनी ने चिंटू को फोन किया- ‘यार चिंटू, आज तो स्कूल में बारिश की वजह से छुट्टी ही हो गई। आज तो घर पर ही खूब मस्ती करेंगे। अभी-अभी तो हमारे स्कूल ही खुले हैं, थोड़ी और मस्ती कर लेते हैं। बताओ तुम आज क्या कर रहे हो?’ चिंटू बोला- ‘बनी, घर पर मेरी कजिन सिस्टर आई हुई हैं। मैं उनके साथ कैरमबोर्ड खेल रहा हूं। वैसे भी आज घर से बाहर पार्क में खेल भी नहीं पाएंगे, इंडोर गेम ही खेल सकते हैं। अभी बारिश भी बंद हो गई है। तुम क्या कर रहे हो? फटाफट मेरे घर चले आओ। हम दोनों पिंकी दीदी के साथ खेलेंगे। वह बहुत सारे गेम जानती हैं। चैस और कैरमबोर्ड में तो एक्सपर्ट हैं।’ बनी को पढ़ने से ज्यादा खेलों में आनंद आता था। उसे नये-नये गेम सीखना और खेलना अच्छा लगता था। वह कई गेम खेलना जानता था, पर चैस खेलना नहीं जानता था। उसने सोचा, ‘यह तो बहुत अच्छा मौका है। अब तो चिंटू के घर जाकर पिंकी दीदी से चैस खेलना सीखूंगा।’ उसने मम्मी से कहा- ‘मैं चिंटू के घर जा रहा हूं। घर पर उसकी पिंकी दीदी आई हुई हैं। उनसे कुछ इंडोर गेम सीखने हैं। अभी बारिश भी बंद हो गई है। आने में थोड़ी देर हो जाएगी।’ यह कह कर वह चिंटू के घर आ गया। चिंटू आज बहुत खुश था, क्योंकि पिंकी दीदी की वजह से मम्मी-पापा ने उसे आज पूरे दिन खेलने की छूट दे दी थी। चिंटू कंप्यूटर गेम तो खेल लेता था, लेकिन लूडो, सांप-सीढ़ी, कैरमबोर्ड आदि नहीं जानता था। एक ही दिन में पिंकी दीदी ने उसे कई गेम सिखा दिये थे। जब बनी आ गया तो उसे खेलने में और मजा आ गया। बनी के साथ खेलते हुए चिंटू ने लूडो और सांप-सीढ़ी के खेल में कई बाजी जीत ली थीं। कैरमबोर्ड थोड़ा उंगलियों की प्रेक्टिस का गेम था, इसलिए खेलने में आनन्द तो खूब आ रहा था, पर निशाना ठीक न लग पाने की वजह से हार जाता था। बनी पिंकी से चैस खेलना सीखना चाहता था, इसलिए वह चैस बोर्ड भी अपने साथ लेकर आया। उसने पिंकी से कहा- ‘दीदी, मैं चैस खेलना नहीं जानता। यह माइंड गेम है। मेरी यह गेम सीखने में बहुत रुचि है। मैं चाहता हूं कि यह गेम सीखूं। प्लीज दीदी, मुझे और चिंटू को यह गेम सिखाइये न! हम दोनों जब यह गेम खेलेंगे तो बहुत मजा आएगा।’ पिंकी बोली- ‘जरूर सिखाएंगे। यह गेम है ही ऐसा। यह दिमाग की पूरी तरह कसरत करा देता है और बहुत मजेदार भी है। तुम्हें पता है, इस खेल के कई फायदे भी हैं। यह आईक्यू बढ़ाता है। इसे खेलने में ब्रेन की एक्सरसाइज होती है और कुछ नया करने को हम प्रेरित होते हैं। सबसे बड़ी बात कि इससे हमारी मैमोरी बढ़ती है और किसी भी समस्या के समाधान करने की क्षमता हमारे अंदर विकसित होती है। इसके अलावा इस खेल से हमारी एकाग्रता बढ़ती है, साथ ही सही निर्णय लेने की दक्षता प्राप्त होती है।’ जब चिंटू और बनी ने पिंकी से चैस खेलने के फायदों के बारे में जाना तो उन दोनों की इस खेल के प्रति रुचि और बढ़ गई। पिंकी ने बड़े मजेदार तरीके से उन्हें चैस खेलना सिखाया। शुरू में प्यादे, राजा, वजीर, घोड़ा, ऊंट आदि के चलने वाले घरों की चालों को याद करने में थोड़ी गड़बड़ी रही, लेकिन बाद में ट्रिक समझ में आने लगीं। अब चिंटू और बनी चैस खेलना सीख गये और पिंकी दीदी को इसके लिए धन्यवाद कहा। पर पिंकी दीदी ने उन्हें एक हिदायत जरूर दी- ‘किसी भी गेम को खेलो तो इतना न खेलो कि उसके पीछे पढ़ाई या कोई दूसरा काम भूल जाओ। खेलने के समय खेलो और पढ़ाई करने के समय खूब पढ़ाई करो।’ शाम को बनी अपने घर आ गया। सारी बातें उसने अपने मम्मी-पापा को बताईं तो वे बहुत खुश हुए।

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