Monday 1 July 2013

उत्तराखंड में अभी भी 900 लोग फंसे, बचाव अभियान जारी

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उत्तराखंड में कई जगहों प र खराब मौसम के बावजूद बद्रीनाथ में फंसे करीब 900 लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है। साथ ही प्रशासन केदारघाटी में बिखरे मलबे में दबे शवों को निकाल कर उनका अंतिम संस्कार भी करता जा रहा है।
   
देहरादून में कई जगहों पर मौसम खराब है, लेकिन हेलीकॉप्टर आज सुबह से ही चमोली से 300 श्रद्धालुओं और बद्रीनाथ से 600 श्रद्धालुओं को निकाल कर जोशीमठ पहुंचाने के काम में जुटे हैं। जोशीमठ से श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग से आगे ले जाया जाएगा।
   
नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, त्रासदी के बाद से करीब 3,000 लोगों के लापता होने की खबर है। संबद्ध राज्यों के प्रमुख सचिवों से उनके प्रदेशों के लोगों की सूची का सत्यापन करने के लिए कहा गया है। अगर लापता लोगों का पता एक माह में नहीं चल पाया तो उन्हें मत घोषित कर दिया जाएगा।
   
अधिकारियों ने बताया कि आज त्रासदी के 16 वें दिन केदारनाथ में परंपरागत तरीके से केवल 36 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। पिछले दो दिन अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका था।
   
राज्य सरकार ने चिकित्सा विशेषज्ञों, प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों और नगर निगम के सहायकों का 200 सदस्यीय दल घाटी में भेजा है, ताकि मलबे में दबे शव निकाल कर उनका अंतिम संस्कार किया जा सके। शवों के डीएनए के नमूने लेने के लिए केदारनाथ भेजे गए कुछ चिकित्सा विशेषज्ञ बीमार होने के बाद वापस लौट आए हैं।
   
इलाके में हर तरफ शव पड़े होने की वजह से दुर्गंध फैल रही है और मलबा हटाने की खातिर भेजे गए लोगों के लिए लंबे समय तक काम करना मुश्किल हो रहा है। काम की निगरानी कर रहे डीआईजी संजय गुंजयाल ने बताया कि मौसम तेजी से बदल रहा है और रुक-रुक कर बारिश होने की वजह से काम में बाधा आ रही है। शवों के अंतिम संस्कार का कार्य बहुत धीमी गति से हो रहा है।
   
एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि करीब 50 फीसदी सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिसके कारण प्रभावित लोगों के पास राहत सामग्री पहुंचाने में प्रशासन को खासी दिक्कत हो रही है। जिन गांवों का सड़क संपर्क फिलहाल कट चुका है, वहां हेलीकॉप्टरों की मदद से प्रभावितों को खाद्यान्न और अन्य सामान दिया जा रहा है।
   
प्रभावित इलाकों के लोगों को केरोसिन सब्सिडीयुक्त दरों पर दिया जा रहा है। बाढ़ की वजह से 4200 गांवों या रिहायशों का अन्य जगहों से संपर्क कट गया था, जिनमें से 2865 गांवों और रिहायशों का संपर्क बहाल कर दिया गया है।

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