छुट्टियां खत्म हुईं। अब तो नई कक्षा, नए दोस्त और किताबें भी नई हैं। सब
कुछ नया-नया सा। यह समय तुम्हारे लिए ठीक नए साल जैसा ही है। यही वह
समय
है, जिसमें तुम पूरे साल क्या-क्या करने वाले हो, यह भी तय करोगे। अब अगर
यह समय तुम्हारे लिए नए साल जैसा है, तो तुम्हारे लिए रेजॉल्यूशन लेने का
ठीक समय भी यही है। ऐसे ही कुछ रेजॉल्यूशन बता रही हैं दीपा
ज़रा याद करो कि पिछली बार तुम अपने एक विषय की तैयारी समय पर नहीं
कर पाए थे। तुम्हें पढ़ाई की चिंता हमेशा सताती थी, जिस वजह से खेलकूद के
लिए भी समय नहीं निकाल पाए। क्यों न जरा ठिठक कर सोचें कि इस बार हम उन
गलतियों को नहीं दोहराएंगे, जिनसे हमे परेशानियां हुईं।
नियमित रहेगी पढ़ाई
तुम्हें लग रहा होगा कि अभी से पढ़ाई के लिए क्या सोचना, अभी तो पूरा वर्ष
है। अभी-अभी तो गर्मियों की छुट्टियां पूरी हुई हैं। लेकिन अब टीचर्स
अपने-अपने विषयों को तेजी से आगे बढ़ाएंगे, वहीं तुम्हें भी वह जरूरी गति
पानी होगी, जो पूरे साल कायम रहे। कहीं ऐसा न हो कि छुट्टियों की मौज-मस्ती
में तुम इतने गुम हो जाओ कि बाद में पढ़ाई बोझ सी लगने लगे। इन दिनों
तुम्हें अब तक के पढ़ाए गए विषय पर तो पकड़ बनानी ही है, साथ ही पूरे साल
के लिए रणनीति भी तय करनी है।
नई किताब नई कहानी
अब तुम्हारे सामने नई ताज़गी लिए नई किताबें हैं। तुम में से कुछ
को कहानियां पढ़ने का बहुत शौक होगा। अखबार, मैगजीन में कहीं भी तुम्हें
कोई रोचक कहानी दिखी नहीं कि बस उसे तुम पूरा पढ़कर ही दम लेते हो। क्यों न
इस बार अपनी पुस्तकों को पढ़ने का अंदाज इस बार बदला जाए। नई किताबों को
किसी कहानी की तरह पढ़ने व समझने की शुरुआत की जा सकती है।
मस्ती भी नहीं होगी कम
तुम भी सोचते होगे, जब देखो सभी सिर्फ पढ़ाई की बातें करते हैं। स्कूल जाओ
वहां पढ़ाई, टय़ूशन में पढ़ाई, घर में पढ़ाई। खेलकूद, जमकर मस्ती करना भी
तुम्हें नजरअंदाज नहीं करना है। बस अपने मनपसंद खेल को पहचानो और दोस्तों
के साथ निकल जाओ। कोशिश कर सकते हो कि अधिक से अधिक आउटडोर गेम्स में समय
बीते, जिसमे तुम्हारी शारीरिक फिटनेस बनी रहे। उछलकूद करने में भला तुम
कहां पीछे रहते हो, बस इसी मस्ती को तुम अपनी जीवनशैली में शामिल करो, जो
एक नियमित प्रक्रिया बन जाए। तुम्हारे शहर में एडवेंचर पार्क के अलावा कई
ऐसे फन जोन भी खुल गए हैं, जहां अपने पेरेंट्स के साथ जाने का कार्यक्रम भी
बना सकते हो। अपनी हॉबीज के लिए समय निकालना मत भूलना।
नए दोस्तों का करेंगे स्वागत
तुम्हें याद है ना वो दिन, जब तुमने अपने इस स्कूल में दाखिला लिया था।
तुम्हारा कोई भी दोस्त नहीं था। चुपचाप अकेले-अकेले बैठे रहे। और उस दिन तो
तुमने अपना लंच बॉक्स तक नहीं खोला था। नए स्कूल, नई जगह में ऐसा किसी के
साथ भी हो सकता है। तुममें से अधिकतर स्टूडेंट वहीं होंगे, जो पिछली
कक्षाओं में साथ रहे होंगे। लेकिन कुछ ऐसे भी नए दोस्त तुम्हारी कक्षा में
आए होंगे, जो किसी दूसरे शहर या फिर दूसरे स्कूल से तुम्हारी कक्षा में आए
होंगे। आगे बढ़कर उनसे दोस्ती का हाथ बढ़ाना। अगर उन्हें सिलेबेस को समझने
में दिक्कत आ रही हो तो कोशिश कर उनकी मदद कर सकते हो। कहीं उन्हें ऐसा न
लगे कि यहां कैसे स्कूल में एडमिशन ले लिया।
पुरानी किताबें नहीं बिकेंगी
माना तुम्हारी पुरानी किताबें अब तुम्हारे काम की नहीं। सोचो, जिन किताबों
से तुम्हें पूरे साल कई उपयोगी जानकारी मिली, उन्हें क्या रद्दी की तरह बेच
दोगे? अगर इस साल सिलेबस में कोई बदलाव नहीं हुआ है तो अपनी सभी पुरानी
किताबें अपनी कक्षा में आने वालों को सौंप सकते हो। और सबसे जरूरी कि तुमने
कड़ी मेहनत से हर विषय के नोट्स तैयार किए होंगे। इन नोट्स को भी तुम किसी
जरूरतमंद को दे देना। इसी तरह अपने किसी सीनियर्स के नोट्स की मदद से तुम
अपनी स्ट्डी में फायदा ले सकते हो।
बनाएंगे नई पहचान
अगर तुम्हें लगता है कि पिछली कक्षा में तुम किन्हीं कारणों से पीछे रह गए
थे तो अब शुरू से ही परफॉर्मेस सुधारने पर ध्यान दो। शेडय़ूल बनाकर पढ़ाई
करना, एक्टिव रहना, कुछ ऐसी बातें हैं, जो सदा काम आती हैं। पढ़ाई के साथ
अपनी पर्सनेलिटी में सुधार करना भी जरूरी होता है। क्या पिछली क्लास में
तुम्हें यह सुनने को मिला है कि तुम सुस्त हो, खेलों में भाग नहीं लेते या
फिर आत्मविश्वास की कमी है? यदि हां, तो निराश होकर खुद को कम मत मानो।
चूंकि अब नई टीचर्स तुम्हें पढ़ा रही हैं, ऐसे में तुम अपने ऊपर ध्यान देकर
सब की राय बदल सकते हो।
सेशन नया है तो नजरिया भी नया हो..
- अबकी बार खेलने के समय से पहले ही काम पूरा करने की आदत डाल लो।
- कैंटीन के खाने की जगह घर का बना खाना और फल खाना शुरू करो।
- पढ़ाई के साथ खेल-कूद व अन्य गतिविधियां आत्मविश्वास बढ़ाती हैं। इसीलिए
तैराकी, टेबल टेनिस और स्केटिंग आदि खेलों से पर्सनेलिटी को सुधारो।
- नए टीचर्स और बच्चों से बात करने में संकोच नहीं करोगे।
- साफ-सुथरी और व्यवस्थित ड्रेस और सामान के साथ स्कूल जाओगे।
- सीनियर्स से पढ़ाई में मदद मांगने में मत झिझको।
- किताबें रखोगे साफ-सुथरी और सामान भी नहीं खोओगे।
- कक्षा में सुस्त होकर या झुक कर नहीं बैठोगे।
- स्कूल में होने वाली गतिविधियों में भाग लोगे।

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