वामपंथी उग्रवादियों के खिलाफ अपने कड़े तेवर के कारण चर्चित एक पुलिस
अधीक्षक सहित छह पुलिसकर्मी मंगलवार को झारखंड के दुमका जिले में एक नक्सली
हमले में मारे गए जबकि तीन अन्य घायल हो गए।राज्य के गृह सचिव एनएन पांडे ने बताया कि पाकुड़ के पुलिस अधीक्षक 45 वर्षीय अमरजीत बलिहार एक बैठक में भाग लेने के बाद जब दुम का लौट रहे थे तब नक्सलियों ने उन पर घात लगाकर हमला किया और उनके काफिले पर गोलीबारी की तथा बम फेंके जिसमें छह पुलिसकर्मी मारे गये जबकि तीन अन्य घायल हो गए। सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी बलिहार झारखंड सशस्त्र पुलिस के कमांडेन्ट थे और वामपंथी उग्रवादियों के खिलाफ अपने कडे तेवर के कारण पाकुड में अपनी नियुक्ति के बाद से ही उनके निशाने पर थे। उन्होंने बताया कि हमले में पांच पुलिसकर्मियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी जबकि एक अन्य ने अस्पताल के रास्ते दम तोड़ दिया। मरने वालों में बलिहार की कार का चालक भी शामिल है। दुमका के उप महानिरीक्षक प्रिय दुबे ने बताया कि नक्सलियों ने 150 से अधिक गोलियां चलायी और पुलिसकर्मियों को जवाबी कार्रवाई करने का मौका ही नहीं मिला। उन्होंने बताया कि उग्रवादियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार भी लूट लिए। पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक बीबी प्रधान ने कहा कि नक्सलियों ने दोपहर बाद लगभग 3.45 बजे यहां से करीब 400 किलोमीटर दूर पाकुड की सीमा से लगते दुमका जिले के काजीकुंड में यह हमला उस समय किया जब दुबे की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेकर बलिहार लौट रहे थे। इस बैठक में रेंज के सभी पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया था। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि यह घटना दुमका की सीमा से लगे पाकुड जिले के आमरापाडा के जंगलों में हुई है। बलिहार के अलावा मरने वाले अन्य लोगों में अशोक कुमार श्रीवास्तव, चंदन कुमार थापा, मनोज कुमार हेब्राम और राजेश कुमार शर्मा शामिल हैं। छठे पुलिसकर्मी का नाम अभी पता नहीं चल पाया है। मृत पुलिसकर्मियों के शव दुमका ले जाए गए हैं और घायलों को सदर अस्पताल में भर्ती किया गया। बाद में उन्हें धनबाद अस्पताल भेज दिया गया। पुलिस ने कहा कि हमलावरों को पकड़ने के लिए कम से कम 200 केन्द्रीय अर्ध सैनिक बल वहां भेजे गए हैं। प्रधान ने कहा कि अब पाकुड और दुमका को भी आधिकारिक रूप से नक्सल प्रभावित जिला घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही राज्य के 24 में से 20 जिले नक्सल प्रभावित हो गए हैं। राज्यपाल डा. सैयद अहमद ने इस घटना को नक्सलियों की कायराना हरकत बताते हुए इसकी भर्त्सना की और कहा है कि सुरक्षाकर्मियों की यह शहादत बेजां नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि नक्सलियों को देश की राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में हिंसा को कोई स्थान नहीं है। राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने बताया कि हमले के बाद क्षेत्र में दुमका के पुलिस अधीक्षक समेत बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की दो बटालियन पहुंच गयी हैं। इस बीच स्वयं गृह सचिव पांडेय, पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी दुमका पहुंच गये हैं और उन्होंने वहां पूरी स्थिति की समीक्षा की। बलिहार ने राष्ट्रपति शासन के दौरान पिछले माह ही पाकुड़ के पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी संभाली थी। इससे पूर्व वह रांची में स्पेशल ब्रांच और अन्य अनेक जिम्मेदारियों में पदस्थापित रह चुके थे। झारखंड में यह अपने तरह की दूसरी घटना है। इससे पहले झारखंड बनने से ठीक पहले लोहरदगा जिले में वहां के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार को भी नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया था। भाजपा, कांग्रेस, झामुमो और आज्सू ने भी नक्सलियों के इस हमले की कड़ी भर्त्सना की है।
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