Monday 19 August 2013

बिहार रेल हादसा: हर साल मरते हैं लगभग 200 लोग

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बिहार में भमारा रेलवे स्टेशन पर आज सुबह सहरसा-पटना राजरानी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में से ज्यादातर कांवड़िये हैं। पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले इस स्टेशन पर हुई इस घटना के समय कांवड़िये रेल पटरियों पर खड़े थे।
    
अधिकारियों ने कहा कि इस तेज रफ्तार ट्रेन की टक्कर से कम से कम 12 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। भमारा स्टेशन समस्तीपुर संभाग के सहरसा-मानसी रेलखंड के अंतर्गत आता है। स्थानीय यात्रियों ने इस दुर्घटना के बाद थोड़ी दूर जाकर रकी राजरानी एक्सप्रेस पर पथराव किया।
    
अधिकारियों ने बताया कि हादसे के बाद इस मार्ग पर ट्रेन सेवा रोक दी गई है।
घटना की सूचना मिलते ही रेल एसपी और उच्‍च अधिकारी घटनास्थल की ओर रवाना हो गये हैं। राहत बचाव कार्य में देरी को लेकर लोगों का हंगामा जारी है। आक्रोशित लोगों ने राज रानी एक्‍सप्रेस में आग लगा दी और ट्रेन के ड्राइवर को बंधक बना लिया है। जानकारी के मुताबिक सहरसा के धमारा इलाके में एक रेल पुल पार कर कांवरिया जल भरने जा रहे थे। करीब सैकड़ों लोग पुल पार कर रहे थे, तभी राजरानी एक्सप्रेस आ गई और 40 लोग ट्रेन की चपेट में आ गए और 35 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद ट्रेन को मौके पर ही रोक दिया गया है। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धमारा रेलवे स्टेशन के समीप हुए राजरानी एक्सप्रेस ट्रेन हादसे पर गहरी चिंता एवं दुख व्यक्त किया है । उन्होंने इस घटना में मतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। इस दुर्घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने पूर्व-मध्य रेलवे हाजीपुर के महाप्रबंधक से दूरभाष पर संपर्क कर घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा की।
   
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राहत और बचाव कार्य में तेजी लाये जाये, ताकि इस दुर्घटना में कम से कम लोगों को नुकसान हो पाये। पूर्व-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने मुख्यमंत्री को बताया कि बेगूसराय जिला के बरौनी रेलवे स्टेशन से सभी आवश्यक राहत एवं बचाव कार्य सामग्री के साथ एक राहत ट्रेन घटनास्थल के लिये भेजी जा चुकी है और वहां तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाये जा रहे हैं।
   
मुख्यमंत्री ने खगड़िया और जिला सहरसा के प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह घटनास्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में रेल प्रशासन का सहयोग करे। प्राप्त सूचना के अनुसार खगड़िया एवं सहरसा जिला प्रशासन के लोग घटनास्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में लग गये हैं। पांच साल में मरे 1265 लोग
भारत में पिछले पांच साल में विभिन्न रेल हादसों में 1265 से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है और मानवरहित क्रासिंग पर हुए हादसों में 717 लोगों की मौत हुई है। ट्रेन हादसों में सबसे अधिक लोगों की जान 2010 से 2011 के बीच गई। इस दौरान मरने वालों की संख्या 374 रही। 2006-2007 में 208, 2007-2008 में 191, 2008-2009 में 209 तथा 2009-2010 में 238 लोगों की मौत हुई।

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