Monday 26 August 2013

मेकअप छीन न ले आपकी खूबसूरती

Image Loadingखूबसूरती में इजाफा करने के लिए मेकअप करने और मेकअप प्रोडक्ट खरीदने से पहले आप एक बार भी नहीं सोचती हैं। पर क्या आप जानती हैं कि आपका मेकअप आपको कैंसर और आपके होने वाले बच्चे को जन्मजात विकृतियां सौगात में दे सकता है? अपना मेक अप चुनते वक्त किन बातों को ध्यान में रखें, बता रहे हैं कॉस्मेटिक सर्जन डॉं. अनूप धीर
मेकअप करना अमूमन सभी महिलाओं को पसंद होता है और मेकअप करने में वक्त और पैसा खर्च करने में भी वो परहेज नहीं करती हैं। ज्यादा से ज्यादा सुंदर दिखने की चाहत में महिलाएं यह भूल जाती हैं कि सौंदर्य प्रसाधनों में बहुत अधिक मात्रा में रासायनिक पदार्थ मिले होते हैं। ये उत्पाद सुंदरता को बढ़ाने की जगह आपके प्राकृतिक निखार को छीन लेते हैं। क्या आप जानती हैं कि अपनी सुंदरता को बढ़ाने और त्वचा की देखभाल करने के लिए आप जिन स्किन केयर क्रीम, पाउडर, परफ्यूम, लिपस्टिक, लिपग्लॉस, नेल पॉलिश, आंखों व चेहरे का मेकअप, हेयर कलर, हेयर स्प्रे, जेल, शैंपू, नहाने का तेल और डिओडरेंट आदि का इस्तेमाल करती हैं, इन सभी प्रोडक्ट में बहुत अधिक मात्रा में टॉक्सिन अर्थात हानिकारक तत्व होते हैं। इन टॉक्सिन की वजह से आपको भविष्य में कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। मेकअप के ज्यादा इस्तेमाल से इसमें प्रयोग किए जानेवाले रसायनों के कारण चेहरे पर समय से पहले ही बढ़ती उम्र की निशानियां नजर आने लगती हैं। इसलिए आप जब भी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट खरीदें तो उसकी गुणवत्ता से समझौता न करें। सस्ते कॉस्मेटिक्स आपकी त्वचा की सेहत को बचाने की जगह बर्बाद ही करते हैं। कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में मुख्य रूप से पैराबेन व थैलेट नाम के रसायन होते हैं, जिससे त्वचा का कैंसर होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। इसके अलावा इन रसायनों से त्वचा में सूजन और जलन भी बढ़ जाती है। कई बार बाहरी एस्ट्रोजन के संपर्क में आने से शरीर के भीतर की हॉरमोन प्रक्रिया भी विकृत हो जाती है, जिसकी वजह से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है, जबकि थैलेट से कई प्रकार की जन्मजात विकृतियां तथा प्रजनन दोष आ जाते हैं। यह समस्या ज्यादा वक्त तक अलग-अलग तरह के कॉस्मेटिक उत्पाद के इस्तेमाल करने से होती है। मेकअप वही इस्तेमाल करें, जो आपकी त्वचा के मुताबिक हो। कॉस्मेटिक उत्पादों का चयन करते वक्त गुणवत्ता से कभी समझौता न करें। कभी भी पुराने और एक्सपायर्ड प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें। आंखों का मेकअप चुनते वक्त खास सतर्कता बरतें। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो त्वचा चिकित्सक की सलाह के बाद ही किसी कॉस्मेटिक का इस्तेमाल करें। वैसे संवेदनशील त्वचा वाले लोग हाइपोएलर्जिक प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये प्रोडक्ट खासतौर से संवेदनशील त्वचा के लिए ही बने होते हैं। यदि मुमकिन हो तो त्वचा की सुंदरता बढ़ाने के लिए इन रासायनिक पदार्थों से युक्त सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल करना बंद करके, उनकी जगह प्राकृतिक उत्पाद या घरेलू नुस्खे का प्रयोग करें। प्राकृतिक तत्वों का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता, जबकि कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के दूरगामी परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। जानें मेकअप का असर
सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली लिपस्टिक में लैड बहुत अधिक मात्रा में होता है, जिससे कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
फाउंडेशन के ज्यादा इस्तेमाल से चेहरे के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं, जिसकी वजह से मुहांसे हो जाते हैं।
मस्कारा लगाने से आई एलर्जी हो सकती है। ध्यान रहे, पुराने मेकअप प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से भी आंखों में संक्रमण हो जाता है और कभी-कभी यह बहुत अधिक बढ़ जाता है। ज्यादा समय तक मेकअप लगाने से पलकें भी झड़ सकती हैं।
डिओडरेंट की सिंथेटिक खुशबू कई तत्वों से बनती है, जिससे स्किन एलर्जी हो जाती है।
आप जिस भी सन्स्क्रीन का चयन करें, उसमें यूवीए और यूवीबी अवश्य होना चाहिए, कोई खुशबू नहीं होनी चाहिए।
स्किन केयर प्रोडक्ट के सभी तत्वों को पूरी तरह से चेक करें, ऐसा कोई प्रोडक्ट न लें, जिसमें पेराबेन हो। बालों के उत्पाद में एसएलएस की मात्रा काफी कम होनी चाहिए, प्रोटीन अधिक मात्रा में होना चाहिए।
जिन प्रोडक्ट में फलों के तत्व बहुत ज्यादा हों, उसको भी न लें, यदि उसमें सोया की प्रयाप्त मात्रा हो तो वह अवश्य लें।

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