Saturday 24 August 2013

दुरुस्त रहे तन शांत रहे मन मेडिटेशन


 
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ध्यान यानी मेडिटेशन स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने की एक प्राचीन विधि है। इसका लाभ उठाने वाले युवाओं की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है। फायदे के बारे में बता रही हैं शमीम खान एक साधारण, किंतु शक्तिशाली तकनीक है ध्यान यानी मेडिटेशन, जो आपके मस्तिष्क को शांत और स्थिर रखता है। आपको सिर्फ यह करना है कि आप अपनी आंखें बंद करके बैठ जाएं और धीरे-धीरे गहरा आराम अनुभव करें। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत होगी, मन यहां-वहां भटकेगा, लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति से आप मन को काबू में कर लेंगे। ध्यान हमें सिर्फ मानसिक शांति ही नहीं देता, बल्कि कई अध्ययनों में यह बात भी सामने आई है कि इससे एलर्जी, उत्तेजना, अस्थमा, कैंसर, थकान, हृदय संबंधी बीमारियों, हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा आदि में आराम मिलता है। कई मनोवैज्ञानिक बीमारियों से भी राहत दिलाने में ध्यान हमारी काफी सहायता करता है। ध्यान के तत्व
अलग-अलग प्रकार के मेडिटेशन के अलग-अलग तत्व होते हैं। वैसे मेडिटेशन के सामान्य तत्व निम्न हैं- ध्यान को केंद्रित करना
ध्यान को केंद्रित करना ध्यान का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। ध्यान को केंद्रित करने का अर्थ है कि आप अपने मस्तिष्क को विभिन्न भटकाओं से स्वतंत्र कर रहे हैं, जो तनाव और चिंता का कारण होते हैं। आप ध्यान विशेष वस्तु पर केंद्रित करते हैं जैसे कोई वस्तु, एक प्रतिबिंब, एक मंत्र या सांस। रिलैक्स्ड ब्रीदिंग
इस तकनीक में गहरी सांस ली जाती है। इसमें फेफड़ों को फुलाने के लिए डायफ्राम की मांसपेशियों का उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य होता है कि आपकी श्वास धीमी हो, आप ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन लें और कंधों, गर्दन और छाती के ऊपरी भाग की मांसपेशियों का उपयोग कम से कम करें ताकि आप और प्रभावकारी तरीके से सांस ले सकें। शांत बैठ जाएं
अगर आपने ध्यान का अभ्यास अभी शुरू ही किया है तो ध्यान भटकाने वाली चीजों जैसे टीवी, रेडियो या सेलफोन से दूर रहें। जब आप ध्यान करने में ज्यादा कुशल हो जाएंगे, तब आप इसे कहीं भी करने में सक्षम होंगे। खासकर तनाव की स्थिति में भी आपको ध्यान से सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। आरामदायक स्थिति
जब आप बैठे हों, लेटे हों, चल रहे हों या दूसरी कोई गतिवधि कर रहे हों, तब भी आप ध्यान कर सकते हैं। सिर्फ खुद को आरामदायक स्थिति में लाने की कोशिश करें। ध्यान से लाभ
शांति और संतुलन प्राप्त होना। 
आत्म जागरूकता बढ़ना।
ध्यान केंद्रन की क्षमता बढ़ाना।
नकारात्मक भावनाओं को दूर होना।
विचारों में सकारात्मकता लाना।
मस्तिष्क और शरीर को आराम पहुंचाना।
मानसिक क्षमता बढ़ाना।
तनाव दूर करना।
सृजनक्षमता बढ़ने से उत्पादकता और काम की गुणवत्ता बढ़ना।
निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होना।
अपने भीतर देख सकना। इससे भावनाओं को नियंत्रित करने में भी आसानी होती है।
खुद पर नियंत्रण बढ़ना। प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है
लंबे समय तक तनाव की अधिकता स्ट्रैस हार्मोन्स की मात्रा बढ़ाती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इससे शरीर के विभिन्न तरह के संक्रमण और कुछ खास तरह के कैंसर की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। लंबे समय तक तनाव का बना रहना भी हमें हृदय और श्वसन संबंधी रोगों की ओर धकेल देता है। ध्यान इन समस्याओं से बचने में हमारी सहायता करता है। ऐसे करें ध्यान
गहरी सांस लें

सांस लेना एक प्राकृतिक कार्य है। अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें और जब आप अपनी नाक से सांस छोड़ें और लें तो उसे सुनें। गहरी और धीमी सांस लें। जब आपका ध्यान इधर-उधर भटके, तब धीरे से आप वापस अपनी सांसों पर फोकस कर लें। अपनी बॉडी को स्कैन करें
जब आप इस तकनीक का उपयोग करें, तब अपने शरीर के विभिन्न भागों पर फोकस करें। अपने शरीर की हर संवेदना के प्रति जागरूक हों, चाहे वह दर्द, तनाव, गर्मी या आराम हो। मंत्र दोहराएं
आप कोई भी मंत्र दोहरा सकते हैं। चलते हुए मेडिटेशन करें
यह रिलैक्स होने का सबसे प्रभावकारी और स्वस्थ तरीका है। जब आप कहीं चहलकदमी कर रहें हों, चलने की गति धीमी कर लें, ताकि आप अपनी हर मूवमेंट (पैरों को उठाने, रखने) पर मन को फोकस कर सकें। प्रार्थना में शामिल हों
प्रार्थना मेडिटेशन का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला और सबसे प्रचलित तरीका है। प्रार्थना में डूब जाएं। इससे बेहतर ध्यान कुछ नहीं हो सकता। विकसित करें ध्यान की क्षमता
जब ध्यान के बारे में लोगों से बात की जाती है तो उनमें से ज्यादातर का जवाब होता है कि वह ध्यान करना तो चाहते हैं, लेकिन ध्यान की अवस्था में पहुंच नहीं पाते। ध्यान बार-बार भटकता है और रिलैक्स होने की बजाए वह और अधिक तनावग्रस्त हो जाते हैं। आप इस बात का ध्यान रखें कि ध्यान करने के लिए अभ्यास की जरूरत होती है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने समय से ध्यान कर रहे हैं। यह सामान्य बात है कि ध्यान करते समय आपका ध्यान इधर-उधर भटके, उसे फिर से केंद्रित करने का प्रयास करें। लगातार प्रयास से आप गहरे ध्यान में प्रवेश करने में सक्षम हो जाएंगे। ध्यान के प्रकार
ध्यान एक बहुत विस्तृत टर्म है। ध्यान कई प्रकार के होते हैं और रिलैक्सेशन तकनीकें भी कई तरह की होती हैं, जिनमें ध्यान के तत्व होते हैं। सभी का एक ही उद्देश्य होता है, आंतरिक शांति प्राप्त करना। गाइडेंड मेडिटेशन
ध्यान के इस प्रकार में आप कई स्थानों या स्थितियों की कल्पनाएं करते हैं, जिनमें आप रिलैक्स महसूस करें। इसमें आप ज्यादा से ज्यादा संवेदनाओं का उपयोग करते हैं। जैसे गंध, दृश्य, आवाजें और परिवेश आदि। आपको इन प्रक्रियाओं से गुजरने में कोई गाइड या शिक्षक मदद कर सकता है। मंत्र मेडिटेशन
इसमें आप किसी शांति देने वाले शब्द, वाक्य को दोहराते हैं, अपनी आवाज पर ध्यान केंद्रित करते हैं, ताकि आपके विचार आपको भटकाएं नहीं। माइंडफुलनेस मेडिटेशन
इस तरह का ध्यान जागरूकता बढ़ाने और वर्तमान में जीना स्वीकारने के लिए होता है। इसमें आप सचेत जागरूकता को विस्तृत करते हैं। आप ध्यान केंद्रित करते हैं कि ध्यान करते समय क्या अनुभव किया। विचारों और भावनाओं का निरीक्षण करते हैं, लेकिन उन्हें बिना  निर्णय के गुजरने देते हैं। कि गंग
इसमें मेडिटेशन, रिलैक्सेशन, फिजिकल मूवमेंट और ब्रीदिंग एक्सरसाइज शामिल होती है। यह संतुलन को पुन: पाने और उसे बनाए रखने के लिए की जाती है। यह चायनीज शिक्षा पद्घति का एक हिस्सा है। ट्रनसेनडेंटल मेडिटेशन
इसमें शब्द, वाक्य या आवाजों को खामोशी से मन में दोहराते हैं और अपने दिमाग से सभी विचार निकाल देते हैं। शांति और चेतना की अवस्था पाने के लिए इसमें आपका फोकस पूरी तरह आपके मंत्रों पर होता है।

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