Thursday 29 August 2013

दिल्ली में तीन आतंकी वारदातों को भटकल ने दिया अंजाम

Indian mujahideenसुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए हैदराबाद और मुंबई बम धमाकों के मुख्य आरोपी एवं इंडियन मुजाहिद्दीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल को आज भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार कर लिया। सुरक्षा एजेंसियां पिछले पांच वर्षों से अधिक समय से भटकल की तलाश कर रही थीं।
    
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक 30 वर्षीय भटकल को इंडियन मुजाहिद्दीन के एक अन्य नेता अख्तर के साथ गिरफ्तार किया गया। भटकल को दिल्ली लाया जा रहा है।
यासीन को मोहम्मद अहमद सिद्धीबप्पा के नाम से भी जाना जाता है। उस पर अपने तीन साथियों तहसीन अख्तर वसीम अख्तर शेख (23), असदुल्ला अख्तर जावेद अख्तर (26) और वकास उर्फ अहमद (26) के साथ मिलकर 13 जुलाई, 2011 को मुंबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बजार और दादर पश्चिम में हुए तीन सिलसिलेवार बम धमाके अंजाम देने का आरोप है, जिसमें 27 लोगों की मौत हुई और 130 लोग घायल हो गए थे।
    
इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा यह आतंकी अहमदाबाद, सूरत, बेंगलूर, दिल्ली और हैदराबाद में हुए विभिन्न आतंकी हमलों में भी वांछित था। महाराष्ट्र के आंतकवाद निरोधक दस्ते ने इस वर्ष फरवरी महीने में यासीन और उसके तीन सहयोगियों की सूचना देने वाले को दस लाख रुपये ईनाम देने की घोषणा की थी।
    
दादर में हुए धमाके में शामिल तहसीन को छोड़कर अन्य तीनों लोगों पर पुणे शहर के मध्य में व्यस्त सड़क पर एक अगस्त, 2012 को हुए कम तीव्रता के चार सिलसिलेवार धमाकों में भी शामिल होने का आरोप है। इस मामले से जुड़े आठ आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
    
दिल्ली में हुए तीन आतंकी वारदातों सहित विभिन्न आतंकी घटनाओं में संदिग्ध यासिन की सूचना के लिए दिल्ली पुलिस ने भी दिसंबर, 2011 में 15 लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की थी। यासीन जहां कर्नाटक के भटकल का रहने वाला है, वहीं तहसीन बिहार के समस्तीपुर का और असदुल्ला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है।
    
अपने भाई रियाज भटकल के साथ मिल कर वर्ष 2008 में इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) की स्थापना करने वाला यासीन 13 फरवरी, 2010 को पुणे स्थित जर्मन बेकरी में हुए बम धमाके में भी वाछिंत था, जिसमें 17 लोग मारे गए थे।
    
सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत वर्ष 2010 में आईएम को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। वर्ष 2011 में अमेरिका ने भी इस प्रतिबंधित संगठन को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया था।
नई दिल्ली। भारत में इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] का सरगना और देश में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाला आतंकी यासीन भटकल गिरफ्तार हो गया है। एनआइए की टीम ने गोरखपुर के सोनौली से सटे नेपाल बॉर्डर के पास से उसे गिरफ्तार किया है। इस मामले पर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि बुधवार रात भटकल को गिरफ्तार किया गया है। बिहार पुलिस भटकल से पुछताछ कर रही है।
उन्होंने बताया कि भटकल काफी दिनों से नाम बदलकर दरभंगा में रहता था। बिहार और नेपाल पुलिस की संयुक्त मदद से उसे गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है। उन्होंने बताया कि भटकल को दिल्ली लाया जाएगा। आतंकी अब्दुल करीम टुंडा की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह दूसरी बड़ी कामयाबी है। सुरक्षा एजेंसी के सलाहकार ने इस घटना की जानकारी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दी है।
पढ़ें : बेंगलूर धमाके के पीछे भी यासीन का हाथ
सूत्रों ने बताया कि यासीन इन दिनों उत्तरप्रदेश में कोई बड़े धमाके को अंजाम देने के फिराक में था। यासीन के साथ ही तीन और शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसमें से एक का नाम असुदुल्लाह अख्तर है। टुंडा से मिली जानकारी के आधार पर ही भटकल को पकड़ना आसान हो पाया है।
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भटकल पर अहमदाबाद के सूरत में हुए बम धमाकों का भी आरोप है। उसकी गिरफ्तारी के बाद अहमदाबाद अपराध शाखा ने एक खास बैठक बुलाई है। शाखा से मिली जानकारी के मुताबिक यासीन को ट्रांसफर वारंट पर अहमदाबाद लाया जायेगा। इस मामले की जांच के लिए आतंकवाद निरोधी दस्ते की भी मदद ली जाएगी।
गौरतलब है कि 12 राज्यों की पुलिस भटकल की तलाश में थी। सुरक्षा एजेंसी ने इस आतंकी पर 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था। इससे पहले कोलकाता की शेक्सपियर थाना की पुलिस ने भटकल को चोरी के मामले में गिरफ्तार भी किया था, लेकिन बाद में यासीन खुद को बुला मल्लिक बताकर वहां से रिहा होने में कामयाब हो गया था।
यासीन ने अब तक कुल 10 बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है। हाल ही में हुए बेंगलूर धमाके के पीछे भी यासिन का ही हाथ बताया गया था। बनारस बम धमाका, सूरत, मुंबई, हैदराबाद ब्लास्ट और पुणे की जर्मन बेकरी में हुए ब्लास्ट के लिए भी यासिन को ही जिम्मेदार ठहराया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि भटकल की गिरफ्तारी से कई मामलों की तह तक पहुंचने में सुरक्षा एजेंसियों को मदद मिलेगी।

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