Saturday 17 August 2013

दिल्ली की एक अदालत ने आज पूर्व सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी के इस अनुरोध पर दलीलों के लिए पांच अक्टूबर की तारीख तय की, कि टूजी घोटाले पर बनी संयुक्त संसदीय समिति को दिए गए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के लिखित बयानों को अदालत के सामने रखा जाए। इस मामले में आज बहस होनी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया, क्योंकि स्वामी की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पूर्व सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पत्र लिखकर यह पूछा है कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सामने राजा के बयान विशेषाधिकार का विषय हैं अथवा नहीं। अधिवक्ता ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा कि वे लोकसभा अध्यक्ष के जवाब का इंतजार कर रहे हैं और इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट किए जाने के बाद स्वामी अपनी याचिका पर दलीलें आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने न्यायाधीश को सूचित किया कि जवाब मिलने में करीब एक महीने का समय लगेगा और इसलिए अदालत को फिलहाल यह मामला स्थगित कर देना चाहिए। स्वामी ने इससे पहले कहा था कि जेपीसी के सामने राजा के बयान टूजी स्पैक्ट्रम मामले का सच सामने लाने तथा तार्किक निष्कर्ष निकालने के लिए महत्वपूर्ण सबूत हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि सीबीआई की गवाहों से पूछताछ अधूरी है क्योंकि उन्होंने दूरसंचार मंत्री के तौर पर राजा के कार्यकाल के दौरान टूजी स्पैक्ट्रम आवंटन के संबंध में हुई बैठकों के बारे में पूछताछ नहीं की। उन्होंने कहा था कि जेपीसी के सामने राजा के बयान आवंटन और स्पैक्ट्रम के दामों से संबंधित हैं।

Image Loadingदिल्ली की एक अदालत ने आज पूर्व सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी के इस अनुरोध पर दलीलों के लिए पांच अक्टूबर की तारीख तय की, कि टूजी घोटाले पर बनी संयुक्त संसदीय समिति को दिए गए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के लिखित बयानों को अदालत के सामने रखा जाए।
    
इस मामले में आज बहस होनी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया, क्योंकि स्वामी की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पूर्व सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पत्र लिखकर यह पूछा है कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सामने राजा के बयान विशेषाधिकार का विषय हैं अथवा नहीं।
    
अधिवक्ता ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी से कहा कि वे लोकसभा अध्यक्ष के जवाब का इंतजार कर रहे हैं और इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट किए जाने के बाद स्वामी अपनी याचिका पर दलीलें आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने न्यायाधीश को सूचित किया कि जवाब मिलने में करीब एक महीने का समय लगेगा और इसलिए अदालत को फिलहाल यह मामला स्थगित कर देना चाहिए।
    
स्वामी ने इससे पहले कहा था कि जेपीसी के सामने राजा के बयान टूजी स्पैक्ट्रम मामले का सच सामने लाने तथा तार्किक निष्कर्ष निकालने के लिए महत्वपूर्ण सबूत हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि सीबीआई की गवाहों से पूछताछ अधूरी है क्योंकि उन्होंने दूरसंचार मंत्री के तौर पर राजा के कार्यकाल के दौरान टूजी स्पैक्ट्रम आवंटन के संबंध में हुई बैठकों के बारे में पूछताछ नहीं की। उन्होंने कहा था कि जेपीसी के सामने राजा के बयान आवंटन और स्पैक्ट्रम के दामों से संबंधित हैं।

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