Wednesday 28 August 2013

कैसर नहीं, विश्व कप में हार से डरा था: युवराज

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कैंसर को मात देकर फिर से क्रिकेट मैदान पर लौटकर लोगों के प्रेरणा बनने वाले युवराज सिंह ने खुलासा किया कि विश्व कप 2011 के दौरान वह इस जानलेवा बीमारी के कारण नहीं, बल्कि इस क्रिकेट महाकुंभ में हार को लेकर अधिक डरे हुए थे।
युवराज ने कहा कि विश्व कप के दौरान मेरी खांसी में खून आया था, लेकिन मैंने उसे नजरअंदाज कर दिया। विश्व कप में काफी दबाव था और मैं अपने स्वास्थ्य की जांच नहीं कराना चाहता था। मैं अपनी बीमारी से नहीं, बल्कि विश्व कप से डरा हुआ था कि अगर हार गये तो क्या होगा। उन्होंने कहा कि मैं विश्व कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट बना। वह मेरे करियर का सबसे महत्वपूर्ण क्षण था, लेकिन उसके बाद मैंने अपनी जिंदगी का सबसे बुरा दौर भी देखा। वह सबसे बड़ा रोना था। युवराज ने कहा कि उन्हें अपनी क्षमता पर भरोसा है और भारतीय टीम में वह अपने लिये जगह बनाने में सफल रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह अच्छा है कि युवा खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन मुझे अपनी क्षमता पर भरोसा है। मैंने पहले भी खुद को साबित किया है और मुझे विश्वास है कि आने वाले महीनों में भी मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा। क्रिकेट पर ध्यान लगाने के अलावा युवराज ने कैंसर पीड़ितों के लिये यूवीकैन नाम की संस्था भी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अमेरिका से लौटने के बाद इस तरह की संस्था शुरू करने का फैसला किया। मैंने लांस आर्मस्ट्रांग (कैंसर पर विजय पाने वाले नामी साइकिलिस्ट) के मॉडल को समझा। हमारी एक टीम है, जिसमें कई नामी डॉक्टर हैं। युवराज का मानना है कि कैंसर को लेकर लोगों में जागरुकता लाना जरूरी है। इसके लिये उनकी संस्था कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। अक्टूबर से उनकी योजना गूगल हैंगआउट के जरिये दुनिया भर के कैंसर पीड़ितों से रूबरू होने की है। उन्होंने कहा कि हम गूगल हैंगआउट शुरू कर रहे हैं। जिसमें कोई भी कैंसर रोगी हर महीने में एक घंटे मुझसे सीधे बात कर सकता है। हम इसे अक्टूबर से शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं। युवराज ने देश में कैंसर पीड़ितों की मदद के लिये कॉरपोरेट जगत से भी सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि मेरी कॉरपारेट जगत से दरख्वास्त है कि वह यूवीकैन से जुड़े। आज बहुत से लोगों को यूवीकैन की जरूरत है। लोग स्वस्थ रहेंगे तो देश स्वस्थ रहेगा। हमारा प्रयास यही है कि हम अधिक से अधिक लोगों की जिंदगी बचायें।

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