Thursday 22 August 2013

कमल नाथ बोले, प्रधानमंत्री कर सकते हैं हस्तक्षेप

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Kamal Nath
लोकसभा में गुरुवार को कोयला घोटाले से सं बंधित फाइलों के कोयला मंत्रालय से गायब होने के मामले को लेकर भारी हंगामा हुआ और विपक्ष जहां इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वक्तव्य की मांग पर अड़ा रहा, वहीं सरकार का प्रस्ताव था कि कोयला मंत्री इस संबंध में सदन में वक्तव्य देंगे तथा वक्तव्य पर होने वाली चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करेंगे।
यह प्रस्ताव संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ ने रखा, लेकिन विपक्ष अपने रवैये पर अड़ा रहा। विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गुरुदासदास गुप्ता, माकपा के वासुदेव आचार्य और अन्ना द्रमुख के थम्मी दुरै ने प्रधानमंत्री के सीधे वक्तव्य की मांग की। इन सदस्यों का कहना था कि यह अत्यंत गंभीर मामला है और इसे देखते हुये प्रधानमंत्री का वक्तव्य जरूरी है। जदयू के शरद यादव और समाजवादी पार्टी के रेवतीरमण सिंह ने कहा कि सदन में चल रहे गतिरोध को तोड़ने और उसे सुचारू रूप से चलाने के लिये कोई बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिये। संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ ने कहा कि सरकार इस मामले में कुछ भी छिपाना नहीं चाहती है और कोयला मंत्री के वक्तव्य पर सदन विस्तार से चर्चा कर सकता है जिसमें प्रधानमंत्री हस्तक्षेप कर सकते हैं। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस एवं तेदेपा के 11 सदस्यों के निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसपर हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिये स्थगित हो गयी। आधे घंटे के बाद कार्यवाही शुरू होने पर फिर से हंगामा शुरू हो गया और पीठासीन उपसभापति सरदिन्हा फ्रांसिस्को ने सदन में सामान्य स्थिति बहाल न होते देख कार्यवाही कल तक के लिये स्थगित कर दी। इससे पूर्व सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भाजपा तथा वामपंथी सदस्यों ने फाइलों के गुम हुए मसले को उठाया और प्रधानमंत्री के वक्तव्य की मांग इस आधार पर की कि जिस समय कि यह फाइलें बताई जाती हैं उस समय कोयला मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री के पास था, इसलिए वक्तव्य उन्हीं की ओर से होना चाहिए।

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