Monday 26 August 2013

बिग बी का वो स्कूटर!

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अमिताभ बच्चन उन दिनों दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में पढ़ते थे। उनके पिता डॉं. हरिवंश राय बच्चन तब विदेश मंत्रालय में हिंदी के विशेषज्ञ थे और बच् चन परिवार दिल्ली के 13 विलिंगडन क्रीसेंट में रहता था।
अमिताभ यहीं से रोजाना सुबह कॉलेज जाते थे। तब अमिताभ को काफी दूर पैदल चलकर बस पकड़नी पड़ती थी। अमिताभ इससे पहले नैनीताल के शेरवुड से पढ़े थे, इसलिए वह दिल्ली की इतनी मारा-मारी के अभ्यस्त नहीं थे। एक दिन अमिताभ ने अपनी मां तेजी जी से कहा - ‘मुझे सुबह कॉलेज जाने में काफी तकलीफ होती है, इसलिए मैं एक स्कूटर लेना चाहता हूं। मेरे कुछ दोस्त भी अपने स्कूटर से ही कॉलेज आते हैं।’ यह सुन तेजी जी ने अमिताभ से कहा - ‘मुन्ना, स्कूटर क्या कार खरीदना, मगर तब जब तुम खुद कमाना शुरू कर दो। हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं कि अपने बच्चों को स्कूटर खरीद कर दे सकें।’ मां की यह बात सुन अमिताभ चुप हो गए। अमिताभ को उनके पिता ने कुछ संस्कार बचपन में ही दे दिए थे कि अपनी इच्छा, अपनी जरूरत हमें बताना जरूर। यदि हमसे हो सका तो तुम्हारी बात पूरी करेंगे, लेकिन यदि नहीं कर पाए तो समझ लेना कि वह बात हमारी शक्ति, सामर्थ्य से बाहर है, इसलिए उसके लिए कभी दबाव नहीं बनाना। आज अमिताभ के पास बीसियों कारें हैं। यहां तक कि उन कारों को पार्क करने के लिए उनके जुहू के अपने सभी बंगलों में भी जगह कम पड़ती है। इसीलिए वह अपनी दो-तीन कारें अपने घर के पास के एक पंचतारा होटल की पार्किंग में खड़ी करते हैं, लेकिन एक समय वह भी था, जब अमिताभ को एक स्कूटर के लिए मन मसोसकर रहना पड़ा था।

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