Monday 26 August 2013

अतिरिक्त स्पेक्ट्रम: मित्तल-रूइया पर 28 अक्टूबर को सुनवाई

Image Loadingदिल्ली की एक अदालत ने आज अतिरिक्त स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सुनवाई के लिए 28 अक्टूबर की तारीख निर्धारित कर दी, जिसमें भारती सेल्यूलर के मुख्य प्रबंध निदेशक सुनील मित्तल, एस्सार समूह के प्रमोटर रवि रूइया तथा अन्य को आरोपी के रूप में त लब किया गया है।
  
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओपी सैनी ने मामले की कार्यवाही यह कहते हुए स्थगित कर दी, कि उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि 26 अप्रैल के उसके अंतरिम आदेश में स्पष्टीकरण की कोई आवश्यकता नहीं है। इस मामले में मित्तल और रूइया ने अलग़-अलग अर्जी दायर की थी।
  
शीर्ष अदालत ने 26 अप्रैल के अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि अगले आदेशों तक मित्तल और रूइया के खिलाफ निचली अदालत में सुनवाई स्थगित रहेगी। उच्चतम न्यायालय का आदेश मित्तल और रूइया के आग्रह पर आया था जिसमें उन्होंने मामले में खुद को आरोपी के रूप में तलब करने के विशेष अदालत के 19 मार्च के फैसले को चुनौती दी थी।
  
मित्तल और रूइया आज अदालत में पेश नहीं हुए, जबकि इस मामले में एक अन्य आरोपी पूर्व दूरसंचार सचिव श्यामल घोष में उपस्थित थे। मित्तल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने गत 23 अगस्त को अदालत से कहा था कि शीर्ष अदालत के 26 अप्रैल के अंतरिम आदेश के अनुसार निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही पर स्थगन अब भी जारी है।
  
विशेष अदालत ने पूर्व में मित्तल और रूइया से कहा था कि उसके समक्ष कार्यावाही पर कोई स्थगन नहीं है और उन्हें चेतावनी दी थी कि यदि वे उच्चतम न्यायालय से मुददे पर स्पष्टीकरण लाने में विफल रहे तो आपराधिक कार्यवाही पर आगे बढ़ेगी। दोनों ने मामले में खुद को गवाह के रूप में तलब किए जाने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
   
सीबीआई ने भी यह कहते हुये उनके आग्रह का विरोध किया था कि शीर्ष अदालत ने कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई है। मित्तल, रूइया और कनाडा स्थित प्रवासी भारतीय असीम घोष, जो तब आरोपी कंपनी हैचसन मैक्स टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक थे, को निचली अदालत ने आरोपी के रूप में तलब किया था। असीम घोष को अब तक सम्मन तामील नहीं हो पाए हैं।

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