Wednesday 28 August 2013

युवा नेतृत्व के सामने चुनौतियां

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युवा और उत्साही लोगों के साथ काम करना ऊ र्जा से भर देता है। वे अपने करियर के शुरुआती दौर में किसी प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों के फ्रेश स्नातक हो सकते हैं। वे पुरानी परम्पराओं से अलग कुछ करने के उद्देश्य से नये आइडिया और संकल्प के साथ काम करने आते हैं। हालांकि उनका यह नजरिया रोजमर्रा के कामकाज में कई बार समस्याएं भी खड़ी कर सकता है। दरअसल वे इस तथ्य से अनजान होते हैं कि कार्यस्थल में काम करने के लिए हमेशा आदर्श स्थिति नहीं मिल सकती। ऐसी ही कुछ असहज स्थितियों का यहां वर्णन किया गया है-
मिथक टूटते हैं
अधिकतर युवा नेतृत्व को संशय की नजरों से देखा जाता है। उच्च पदों तक पहुंचने में एक बी-स्कूल से स्नातक होने से ज्यादा कारगर कुछ वर्षों का अनुभव हो सकता है, इसलिए उन्हें अपनी क्षमताएं साबित करने के लिए काम को गंभीरता से लेना चाहिए। महत्वाकांक्षाएं कुचलती हैं
युवा प्रोफेशनल परिश्रमी होते हैं, जो व्यवसाय प्रक्रिया को बेहतर करना चाहते हैं। वे जल्दी से नयी जिम्मेदारी लेने को उत्सुक रहते हैं। कामकाज के समायोजन में समय लगता है, जबकि वह कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहते। जोखिम उठाने को तैयार
युवा नेतृत्व नये विचारों से भरे होते हैं और उन्हें लागू करने के लिए अधीर होते हैं। इस प्रक्रिया में कभी-कभी वे सिस्टम के बारे में भी नहीं सोचते। वे वरिष्ठों की अनुमति के इंतजार में परेशान हो जाते हैं, जबकि जोखिम उठाने के मामले में धर्य अहम भूमिका अदा करता है। बुद्धिमत्ता बनाम जानकारी
युवा नेतृत्व जब किसी समस्या में फंस जाते हैं तो अपनी जानकारियों के आधार पर वह कई बार उसका समाधान नहीं ढूंढ़ पाते। ऐसे मौके पर उन्हें मामला सुलझाने के लिए अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन लेना चाहिए।

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