Sunday 18 August 2013

..खतरे में है ताज महल

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7th wonder of india Tajmahal
दुनिया के सात अजूबों में एक मुकद्दस मुहब्बत की बेनजीर बानगी ताज महल के शफ्फाक संगमरमर को बढ़ता प्रदूषण मैला कर सकता है। साथ ही खतरा इस इमारत की खूबसूरती पर दाग लगने का भी बढ़ रहा है।
आरटीआई के तहत आगरा स्थित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ताज महल के आसपास पिछले सात सालों से नाइट्रस ऑक्साइट प्रदूषण से जुड़ा अघुलनशील विशिष्ट पदार्थ (एसपीएम) और श्वसन से जुड़े अघुलनशील विशिष्ट पदार्थ (आरएसपीएम) की मात्रा मानकों से काफी ज्यादा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थिति पर 1998 के बाद से संज्ञान लिया है और ताज महल की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है। ताज महल पर मुलतानी मिट्टी का लेप समेत कई पहल की गई, लेकिन बढ़ता प्रदूषण समस्या बना हुआ है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना 1994 के अनुसार, संवेदनशील क्षेत्रों के लिए नाइट्रस ऑक्साइट का मान्य स्तर वार्षिक 15 एमजी प्रति घन मीटर और 24 घंटे के लिए 30 एमजी प्रति घन मीटर निर्धारित किया गया है। वहीं, ताज महल निगरानी स्टेशन ने ताज महल के आसपास नाइट्रस ऑक्साइट की मात्रा 2006 में 22 एमजी प्रति घन मीटर, 2007 में 23 एमजी प्रति घन मीटर, 2008 में 22 एमजी प्रति घन मीटर, 2009 में 20 एमजी प्रति घन मीटर, 2010 में 20 एमजी प्रति घन मीटर, 2011 में 20 एमजी प्रति घन मीटर तथा 2012 में 18 एमजी प्रति घन मीटर दर्ज की गई है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना में संवेदनशील क्षेत्रों के लिए प्रदूषण से संबंधित अघुलनशील विशिष्ठ पदार्थ (एसपीएम) का वार्षिक मान्य स्तर 70 एमजी प्रति घन मीटर और 24 घंटे के लिए 100 एमजी प्रति घन मीटर निर्धारित किया गया है। आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, ताज महल निगरानी स्टेशन ने ताज महल के आसपास एसपीएम की मात्रा 2006 में 316 एमजी प्रति घन मीटर, 2007 में 296 एमजी प्रति घन मीटर, 2008 में 304 एमजी प्रति घन मीटर, 2009 में 334 एमजी प्रति घन मीटर दर्ज की गई। ताज महल के आसपास प्रदूषण संबंधी एसपीएम की मात्रा 2010 में 333 एमजी प्रति घन मीटर, 2011 में 290 एमजी प्रति घन मीटर तथा 2012 में 332 एमजी प्रति घन मीटर दर्ज की गई है। सूचना के अधिकार कानून के तहत मुरादाबाद स्थित आरटीआई कार्यकर्ता सलीम बेग ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आगरा स्थित ताज हमल के आसपास प्रदूषण के स्तर का ब्योरा मांगा था। गौरतलब है कि मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में ताज महल का निर्माण कराया था और दुनियाभर में यह मुहब्बत की बेमिसाल निशानी के रूप में मशहूर है।

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