Wednesday 28 August 2013

डेंटिस्ट: दांतों की सेहत और सौंदर्य के रखवाले

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डेंटिस्ट्स की मांग दिनोदिन बढ़ रही है। मेडिकल क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए यह एक बेहतरीन करियर है। इस करियर के बारे में बता रही हैं प्रियंका कुमा री ऊबड़-खाबड़, बेतरतीब और बेढंगे दांतों को ठीक करना हो, गंदे दांतों को चमकाने का काम हो या बदबू दूर भगाने का, सभी के लिए डेंटिस्ट की जरूरत होती है। डेंटिस्ट अपने मरीजों के मुख, दांत और मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं का निदान करते हैं। डेंटिस्ट कॉस्मेटिक डेंटल प्रक्रियाओं द्वारा उनके दांतों की खूबसूरती भी बढ़ाते हैं। डेंटिस्ट बनने की राह
डेंटिस्ट बनने के लिए फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों के साथ कम से कम 50 फीसदी अंक लेकर 12वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसके बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित नीट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टैस्ट पास करना होता है। इस परीक्षा में 180 ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते हैं। ये प्रश्न बायोलॉजी, जूलॉजी, फिजिक्स और रसायनशास्त्र से होते हैं। इस परीक्षा में सफल होने के बाद ही उम्मीदवार को डेंटल कॉलेज में चार वर्षीय बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) में दाखिले का मौका मिलता है। यह कोर्स और प्रवेश परीक्षा डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा राज्य स्तर पर भी परीक्षाओं के माध्यम से बीडीएस में प्रवेश पाया जा सकता है। डिग्री हासिल करने के बाद पांचवें वर्ष में एक साल की इंटर्नशिप होती है। यह कोर्स का अनिवार्य हिस्सा है। बीडीएस कोर्स करने के बाद स्पेशलाइजेशन और गहन चिकित्सा का ज्ञान हासिल करने के लिए एमडीएस में प्रवेश लेना होता है। मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी में भी दाखिला प्रवेश परीक्षा के जरिए दिया जाता है। एमडीएस में स्पेशलाइजेशन विभिन्न तरह का है। इसमें इंडोडोंटिक्स, ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी, ओरल सर्जरी, ऑथरेडोंटिक्स, पेडोडोंटिक्स, पेरिडोंटिक्स एवं प्रोस्थोडोंटिक्स जैसे क्षेत्र शामिल हैं। फीस कितनी
सरकारी डेंटल कॉलेजों में बीडीएस कोर्स करने की फीस करीब एक लाख रुपये है। निजी कॉलेजों में चार साल की फीस 10 लाख से ऊपर है। एमडीएस कोर्स की फीस भी सरकारी कॉलेजों में काफी कम है, लेकिन निजी कॉलेजों में विभिन्न स्पेशलाइज्ड विभागों की अलग-अलग है। यह 25 लाख से ऊपर जाती है। स्कॉलरशिप
गरीब वर्ग के जो छात्र मेरिट में आते हैं, उनके लिए सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्कॉलरशिप की व्यवस्था है। आरक्षित वर्ग के छात्रों को फीस में रियायत भी दी जाती है, लेकिन निजी कॉलेजों में ऐसी व्यवस्था नहीं है। अवसर
आज पूरे देश में निजी अस्पतालों का जाल बिछ रहा है। इनमें बेहतर पैकेज और सुविधा के साथ दंत चिकित्सों को नियुक्त किया जा रहा है। इसी तरह निजी नर्सिग होम और सरकारी डिस्पेंसरियों में भी दंत चिकित्सकों को नियुक्त किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों के अलावा रेलवे, रक्षा क्षेत्रों द्वारा संचालित अस्पतालों में डेंटिस्ट की नियुक्तियां होती हैं। टूथपेस्ट बनाने और मसूड़ों की देखरेख करने वाली कंपनियां अपने यहां ऐसे लोगों को बतौर विशेषज्ञ नियुक्त कर रही हैं। इसके अलावा वे स्वरोजगार के तौर पर निजी क्लीनिक भी खोल सकते हैं। आज देश में निजी और सरकारी कॉलेजों में बीडीएस और एमडीएस की पढ़ाई जगह-जगह हो रही है। दंत चिकित्सा में उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद ऐसे कॉलेजों में अध्यापन कार्य से भी जुड़ सकते हैं। दंत चिकित्सा को लेकर यहां रिसर्च का भी कार्य कर सकते हैं। वेतनमान
एक दंत चिकित्सक का शुरुआती वेतनमान सरकारी अस्पताल में 50 हजार रुपये से ऊपर है। जैसे-जैसे अनुभव में इजाफा होता जाता है, वेतनमान में बढ़ोतरी होती जाती है। सीनियर डॉक्टर के रूप में वेतनमान डेढ़ लाख से ऊपर है। इसी तरह निजी कॉलेजों में कमाई क्लीनिक के चलने पर है। यह लाख रुपये से दस लाख रुपये तक हो सकती है, पर इसमें खासी मेहनत और पहचान की जरूरत पड़ती है। विशेषज्ञ की राय
सुंदर व्यक्तित्व के निर्माण में दंत चिकित्सक की भूमिका अहम

समाज में आज स्वास्थ्य और सुंदरता को लेकर जागरूकता बढ़ी है। सुंदर व्यक्तित्व के निर्माण में दांतों की भी अहम भूमिका है। सुंदर और चमकीले दांतों को लेकर आज युवाओं में खासा क्रेज है। वे दांतों को सुंदर बनाने के लिए तरह-तरह के इलाज करा रहे हैं। दूसरी बात यह कि दांतों से शरीर में कई बीमारियां फैलती हैं। ये धीरे-धीरे पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। इस लिहाज से दंत चिकित्सकों की जरूरत बढ़ रही है। देश की बड़ी आबादी के बीच आज दंत चिकित्सकों की जितनी मांग है, उतनी उपलब्धता नहीं है। ऐसे में इससे जुड़े चिकित्सक तैयार किए जा रहे हैं। पहले इस कोर्स की पढ़ाई गिने-चुने सरकारी कॉलेजों में ही होती थी, लेकिन आज ऐसा नहीं है। आज विभिन्न राज्यों में कई निजी कॉलेज इसकी पढ़ाई के लिए सामने आए हैं। जो छात्र दंत चिकित्सक बन कर समाज में पहचान बनाना चाहते हैं, पैसा कमाना चाहते हैं, उनके लिए यहां ढेरों अवसर हैं। सरकारी नौकरी में एक तय वेतनमान के अंदर दंत चिकित्सक को काम करना होता है, लेकिन निजी क्लिनिक खोलने और प्रैक्टिस करने पर इसमें कमाई की खूब संभावनाएं हैं। दांतों में आई खराबी दूर करवाने के लिए युवा विशेष जागरूक हो गए हैं। उनकी इस जरूरत को पूरी करके आज नगरों और महानगरों में दंत चिकित्सक अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं।            
-डां सुबोध कुमार मेडिकल कॉलेज मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज, नई दिल्ली
maids.ac.in फैकल्टी ऑफ डेंटिस्ट्री, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय
jmi.ac.in ईएसआईसी डेंटल कॉलेज, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली
ipu.ac.in आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस, सिकंदराबाद
acdc.co.in डेंटल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
amu.ac.in डॉ. आर. अहमद डेंटल कॉलेज, कोलकाता

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