Thursday 13 March 2014

होली का हुड़दंग, 10 तरीकों के संग

Image Loadingहोली है मस्ती का त्योहार। इस दिन अगर तुमने हुड़दंग नहीं मचाया तो समझो कुछ नहीं किया। अब हुड़दंग का मतलब ये भी नहीं कि तुम हर किसी को रंग डालो। इसका मतलब है कि प्यार के इस त्योहार को तुम सबके साथ मिलकर मनाओ और थोड़ी सी शैतानियां भी कर लो। इसलिए आज हम तुम्हें दे रहे हैं मस्ती के ये टिप्स...
दोस्तों के साथ जमकर होली खेलो। अगर तुम्हारा कोई दोस्त छिप रहा है तो उसे तिलक लगाने के बहाने उसके घर जाओ। सिर्फ गुलाल लेकर जाना और हर्बल रंग के बारे में बताना। जैसे ही वो बाहर आए उसे रंग डालो।
मम्मी-पापा के साथ होली जरूर खेलना। सुबह उनके साथ ही त्योहार की शुरुआत करो।
दादी-दादू को मत भूल जाना। दादू को एक जगह बिठाकर उन्हें खूब सारे रंग लगा सकते हो। इसी तरह दादी को भी।
सारे दोस्त मिलकर डांस करो। जब होली खेल रहे होगे तो गाने गाकर डांस कर सकते हो। इससे मजा दोगुना हो जाएगा। अगर तुम्हें कोई इंस्ट्रमेंट बजाना आता है तो उसे बजाकर भी मस्ती कर सकते हो। तुम बजाओगे और सारे दोस्त गाएंगे।
तुम्हारे आसपास जो भी सबसे ज्यादा स्ट्रिक्ट अंकल-आंटी हों, उनके साथ थोड़ा मजाक करना तो बनता है। आज तुम्हें उनकी डांट से डरना नहीं है और उन्हें घर से बाहर बुलाकर उन पर पिचकारी से खूब रंग डालो। खुद तो मम्मी के हाथ की गुझिया खाओ और साथ ही अपने सारे दोस्तों का मुंह भी मीठा कराओ।
अपने घर की छत या बालकनी में खड़े होकर नीचे लोगों पर रंग डालो, बड़ा मजा आएगा इसमें। पर हां, मम्मी या किसी बड़े को बता दो कि तुम यह करने वाले हो।
यह दिन है सारे गिले-शिकवे भुलाकर मस्ती करने का। इसलिए अगर तुम अपने किसी दोस्त से रूठे हुए  हो या तुमसे कोई रुठा है तो आज उससे दोस्ती कर लो और माफी मांग लो। इसके बाद एक दूसरे को गुलाल लगाकर हाथ मिलाओ। स्कूल के दोस्तों से भी मिलने जाओ।
घर के बाहर अपने दोस्तों के साथ रंग भरी बाल्टी लेकर खड़े हो जाओ। नाचते-गाते हर आने-जाने वाले पर पिचकारी से रंग डालो।
एक मजे की बात, अगर तुम्हें मम्मी से कोई बात मनवानी है तो पिचकारी लेकर मम्मी के पीछे भागो। मां डरेंगी और उन्हें अपनी शर्त बता दो। पक्का, तुम्हारी बात मान ही जाएंगी वो। और हां, पिचकारी अगर खाली भी हो तो भी चलेगा। मां को क्या पता, उसमें पानी है या नहीं।
होली में रंगों का प्रयोग क्यों
हमारे जीवन में रंगों का बेहद महत्व है, अगर जीवन में रंग न हों तो जीवन में उत्साह ही नहीं रहेगा, खुशी और गम का भी पता नहीं चलेगा। रंग सभी गिले-शिकवे दूर कर देता है और सभी को अपने रंग में रंग लेता है। क्या बड़े, क्या छोटे, रंग से सराबोर होने पर सभी एक जैसे ही दिखते हैं। इसलिए इस त्योहार पर रंगों का खास महत्व है। हर रंग का हमारे स्वास्थ्य पर भी फायदेमंद असर होता है।
नेचुरल कलर बनाओ ऐसे
तुमसे सब यही कहते हैं कि होली में प्राकृतिक रंग मतलब नेचुरल कलर का इस्तेमाल करो, क्योंकि बाजार में मिलने वाले रंगों में हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होता है। लेकिन तुम्हारे सामने सबसे बड़ी चिंता यह है कि ये नेचुरल कलर तैयार कैसे होते हैं। हम आज तुम्हें बता रहे हैं कि नेचुरल कलर तुम कैसे तैयार कर सकते हो।
गुलाबी रंग
चुकंदर या चुकंदर की जड़ों को लो और इनको पानी में डालकर खूब उबालो। उबलकर जब पानी कम हो जाए तो इसे ठंडा कर दो। तुम्हारा गुलाबी रंग तैयार। इसमें पानी मिलाकर तुम इसका इस्तेमाल करो। चंदन के पेस्ट में पानी मिलाकर भी गुलाबी रंग तैयार कर सकते हो।
पीला 
बेसन और हल्दी मिलाकर पीला रंग तैयार करो। हल्दी एंटिसेप्टिक होती है और बेसन चेहरे को साफ करने में मदद करता है। इस रंग को जितना लगाओगे चेहरे पर उतना निखार आएगा। टेसू और गेंदे के फूलों को उबाल कर भी पीला रंग बना सकते हो।
ब्राउन 
कॉफी या चाय को उबालकर तुम ब्राउन रंग तैयार कर सकते हो। चन्दन के पेस्ट में मेथी पाउडर और मुल्तानी मिट्टी मिलाकर भी ब्राउन कलर तैयार किया जाता है।
नीला
नील के पौधे से नीला रंग तैयार किया जाता है। कपड़ों में इस्तेमाल किया जाने वाला नील भी इस्तेमाल कर सकते हो।
नारंगी
केसर के पानी को उबाल कर नारंगी रंग तैयार करो। यह काफी ताजगी देगा। संतरे के छिलकों को सुखाकर उसका पाउडर तैयार कर लो और उसमें बेसन या हल्दी और पानी मिला दो, नारंगी रंग तैयार हो जाएगा।
हरा 
हल्दी में नील मिलाकर हरा रंग बना सकते हो। नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर भी हरा रंग बना सकते हो। नीम की पत्तियों से तैयार हरा रंग एंटिसेप्टिक होगा और स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है।
लाल 
लाल गुलाब या अन्य लाल फूल को उबालकर लाल रंग तैयार करो।
मस्ती में ये रखना ध्यान...
रंग खेलने से पहले त्वचा पर तेल या क्रीम लगा लेना। इससे रंगों का प्रभाव कम पड़ेगा और छुड़ाने में आसानी होगी।
गीले रंगों का कम से कम प्रयोग करो, क्योंकि गीले रंगों से तुम भीग जाओगे और बीमार पड़ सकते हो।  
पानी की बर्बादी न करो।  
ज्यादा देर तक रंगों से न खेलें। मम्मी नहाने के लिए जब भी बोले आराम से नहा कर तैयार हो जाना, तभी तो होली पर तुम्हें अच्छे बच्चे का अवॉर्ड मिलेगा।
तुम होली के दिनों में गुझिया और मीठे सामान बहुत खाते हो। इस बार गुझिया कम खाओ, क्योंकि ज्यादा गुझिया और मीठा खाने से पेट में दर्द भी होता है और तुम्हारे दांत भी खराब हो सकते हैं।
रंग लगे हाथों से खाने का सामान मत छूना और न ही खाना, क्योंकि रंग काफी हानिकारक होते हैं और ये तुम्हें बीमार बना सकते हैं। 
ऑयल, पेंट, वार्निश व ग्रीस आदि का इस्तेमाल न खुद करना और न ही दूसरों को करने देना। 
आंख, मुंह और कान में रंग न जा पाएं, इस बात का विशेष ध्यान रखना। 
त्वचा पर जलन होने या आंखों में रंग जाने पर रंग लगे हाथों से उस भाग को न छूना। जल्दी से मम्मी से बोलना और पानी से उसे अच्छे से साफ करना। 
इस बात का विशेष ध्यान रखना कि तुम्हारे द्वारा फेंका गया रंग या गुब्बारा किसी दूसरे को चोट न पहुंचाए।

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