Thursday 20 March 2014

गांधीनगर से ही लड़ेंगे आडवाणी, माना पार्टी का निर्णय

Image Loadingमध्यप्रदेश के भोपाल से इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताने के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी के बुधवार के निर्णय को स्वीकार करते हुए गुरुवार को घोषणा की कि वह गुजरात के गांधीनगर से ही उम्मीदवार होंगे।

आडवाणी की ओर से भाजपा द्वारा जारी बयान में उन्होंने कहा कि मैं 1991 से लोकसभा में गांधीनगर चुनाव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता आया हूं, मैंने निर्णय किया है कि 2014 का आम चुनाव मैं गांधीनगर से ही लड़ूंगा। मैंने अपने इस निर्णय से पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को अवगत करा दिया है।

उन्होंने बयान में कहा कि आज सुबह गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मेरे निवास पर आए और इस बात पर जोर दिया कि गुजरात की जनता की इच्छा है कि एक बार फिर मैं गांधीनगर का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करूं।

पार्टी निर्णय को स्वीकार करने को मनाने के लिए कल और आज मोदी के अलावा सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, एम वेंकैया नायडु और नितिन गडकरी आदि ने उनसे भेंट की थी। आडवाणी ने कहा कि अपनी पार्टी के सहयोगियों का यह भाव मुझे गहरे छू गया है।

आडवाणी ने कहा कि 1947 में कराची से प्रवास के बाद से वह गुजरात से गहरे जुड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा और लोकसभा दोनों में मैंने इस राज्य का प्रतिनिधित्व किया है। लोकसभा में मैं 1991 से इस राज्य का प्रतिनिधित्व करता आ रहा हूं।

भोपाल सीट का उल्लेख करते हुए उन्होंने अपने बयान में कहा कि मैं लोकसभा में भोपाल सीट का वर्तमान में प्रतिनिधित्व कर रहे कैलाश जोशी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर और मध्यप्रदेश की भाजपा चुनाव समिति के सभी सदस्यों का हृदय से आभारी हूं, जिन्होंने भोपाल लोकसभा सीट के लिए मेरे नाम का प्रस्ताव किया।

उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मुझे बताया कि भाजपा की गुजरात इकाई की इच्छा है और कल हुई केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक का निर्णय है कि मुझे गांधीनगर से संसदीय चुनाव लड़ना चाहिए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आज राजनाथ सिंह ने उन्हें सूचित किया कि मध्यप्रदेश की भाजपा इकाई ने भोपाल सीट के लिए उनके नाम प्रस्ताव किया है। उन्होंने साथ ही यह भी सूचित किया कि संसदीय बोर्ड और केन्द्रीय चुनाव समिति के सभी सदस्यों से विचार विमर्श के बाद यह सहमति बनी कि भोपाल और गांधीनगर में से किसी एक सीट को चुनने का अधिकार मुझपर छोड़ दिया जाए। पार्टी सहयोगियों का यह भाव मुझे गहरे छू गया है।

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