Saturday 22 March 2014

महक उठेगा बचपन

एक बैंक में कार्यरत श्रीमती राधिका गौतम को जब भी समय मिलता है, वह ज्यादा से ज्यादा वक्त अपने बच्चों के साथ बिताती हैं। यही नहीं वह उनकी बचकानी हरकतों में भी शामिल होती हैं। कभी उनके साथ लूडो, कैरम खेलना तो कभी आर्ट बुक पर पेंटिंग करना, कभी बैडमिंटन में दो-दो हाथ आजमाना तो कभी बच्चों से घर के छोटे-छोटे कामों में मदद लेकर उनके साथ समय व्यतीत करना। राधिका कहती हैं कि ऐसा करने से मेरे बच्चे खुश और स्वस्थ तो रहते ही हैं। साथ ही उनके विकास में भी मदद मिलती है।
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चे के साथ वक्त बिताने से न केवल आप उसके ओवरऑल डेवलपमेंट में सहायक होती हैं, बल्कि इससे आपसी लगाव भी बढ़ता है।
-बच्चों की चाहत होती है कि सुबह जब उनकी नींद खुले तो मां उनके पास हो। अगर ब'चों के सोने का कमरा अलग है तब भी थोड़ी देर के लिए बच्चों के पास आकर लेटें।
-बच्चों को अलग-अलग तरह के लंच ले जाने की चाहत होती है। उनके लंच बाक्स में पौष्टिकता और उनकी पसंद के अनुरूप भिन्नता लाएं।
-समय-समय पर बच्चों को
गले लगाकर या पास बिठाकर यह महसूस कराएं कि आप उससे कितना प्यार करती हैं।
-सुबह या शाम जब भी मौका मिले बच्चों को प्रेरणास्पद किस्से और कहानियां सुनाइए। कभी-कभी उनसे भी ऐसी ही फरमाइश करें।
-सुबह या शाम के समय बच्चे को अपने साथ टहलाने ले जाएं। इससे न केवल बच्चे की सेहत सही रहेगी, बल्कि आपका स्वास्थ्य भी बढि़या रहेगा।
-बच्चों के संपूर्ण बौद्धिक विकास के लिए उन्हें ज्ञानव‌र्द्धक जानकारियों से युक्त किताबें उपलब्ध कराएं।
-बच्चों को नई-नई टेक्नोलॉजी की जितनी जल्दी जानकारी हो जाती है, उतनी बड़ों को नहीं हो पाती। अत: बच्चों के साथ बैठकर टेक्नोलॉजी की बातें सीखें। उन्हें समझाएं कि टेक्नोलॉजी का उपयोग ज्ञान बढ़ाने के लिए करें न कि समय बर्बाद करने के लिए।
-बच्चों के साथ इंडोर गेम्स खेलें। इंटरनेट के जरिए रोचक ऑनलाइन गेम भी खेल सकती हैं।
-बच्चों को कभी पार्क में तो कभी चिड़ियाघर या झील, नदी के किनारे ले जाएं। इससे बच्चे समझेंगे कि प्राकृतिक वातावरण सभी के लिए कितना जरूरी है।
-संडे या छुट्टी के दिन खाना बनाने की तैयारी करते समय बच्चों की मदद ले सकती हैं। घर से दूर जब उन्हें अकेले रहना पड़ेगा तब उनके लिए ये बातें बहुत काम आएंगी।
-बच्चों के दोस्तों के बारे में पूरी जानकारी रखें कि वह किनके साथ उठना-बैठना पसंद करता है और उनका पारिवारिक वातावरण कैसा है।
-बच्चों में किसी न किसी कला के प्रति लगाव पैदा करें। अगर उन्हें पेंटिंग का शौक है तो इससे संबंधित सामग्री देकर उत्साह बढ़ाएं। यदि बच्चा गीत-संगीत का शौक रखता है तो उसके रुचि की वस्तुएं उपलब्ध करवाएं।
-बच्चे की सेहत के प्रति विशेष ध्यान रखें। खाने-पीने में अधिक असंतुलन होने पर उसका सही विकास संभव नहीं है।
-अगर बच्चा अपने कमरे में बिना रोशनी के नहीं सो पाता है तो उसकी पसंद की नाइट लाइट लगाकर उसकी मदद करें।
-बच्चों के सामने आपस में लड़ाई-झगड़ा न करें। इसका बच्चों के कोमल मन पर गहरा असर पड़ता है।
-अगर बच्चा आपसे कोई बात शेयर कर रहा है तो उस
की बातों को ध्यानपूर्वक सुनें। यह भी ध्यान रखें कि कभी बीती बातों को लेकर उस पर कटाक्ष न करें।

No comments:

Post a Comment