Saturday 22 March 2014

बदला अंदाज किचन का

बदलते दौर में आशियाने ही नहीं, किचन का भी बदल रहा है स्वरूप..
वह दौर था जब आशियाने मेंसिर्फ फ्रंट की खूबसूरती का खयाल रखा जाता था। पर अब गेस्ट रूम, ड्राइंग रूम और बाथरूम की तरह ही किचन भी स्टाइलिश बनाए जा रहे है। किचन महज खाना बनाने की जगह नहीं रह गए, बल्कि स्टेटस सिंबल हो गए है। यहां अब लिविंग रूम में होने वाले फैसले होने लगे है। बच्चों की पढ़ाई, शादी की तैयारी और घूमने जाने का निर्णय भी लिया जाने लगा है।
बढ़ा आकार
कुछ समय पूर्व तक घर की एक छोटी सी जगह को किचन का रूप दे दिया जाता था, लेकिन अब जब किसी स्थान पर खाना बनाने के अतिरिक्त अन्य काम भी होने लगे हों तो आकार बढ़ना भी स्वाभाविक है। स्वरूप नगर की गृहिणी शांति दत्ता बताती है, ''पहले किचन में खाना बनाने, राशन सामग्री व खाना बनाने के बर्तन रखने की जगह होती थी। अब इन जरूरतों के अलावा डाइनिंग स्पेस और गप्पे लड़ाने की जगह का होना भी जरूरी हो गया है, इसलिए किचन का आकार भी बढ़ गया है।''
सामान्य हो सजावट
गृहिणी दीपशिखा वर्मा कहती है, ''अब किचन में खाना बनाने के साथ ही खाना खाने की जगह भी होने लगी है। किचन की सजावट बहुत शांत और संतुष्टि प्रद होनी चाहिए। अधिक बर्तनों का प्रदर्शन, अतिरिक्त सजावट इसके आकर्षण को कम करती है।''
रोशनी का रखें ख्याल
किचन ऐसा हो जो आने वाले मेहमानों को ड्राइंग रूम की तरह अकेलापन महसूस न कराए। मेहमान यहां दाखिल होकर खुद को घर का सदस्य समझे। ये ऐसा होना चाहिए जैसे कोई विशिष्ट स्थान या मेल-मिलाप की जगह है। आर्किटेक्ट विनती अरोड़ा कहती है, ''एक अच्छे किचन में पर्याप्त जगह के साथ ही कैबिनेट, परिवर्तनशील खिड़कियां, स्लाइडिंग डोर आदि होना बहुत जरूरी है। इन्हे लगवाने का चलन इन दिनों जोरों पर है। आजकल लोग ऐसी खिड़कियां लगवाते है, जो परिवर्तनशील होती है। ये जगह को अधिक दिखाने या किसी नई चीज का स्थान परिवर्तन करने के काम आती है। इसी तरह स्लाइडिंग डोर किचन को न सिर्फ बड़े आकार में दर्शाते है, बल्कि पर्याप्त रोशनी का माध्यम भी बनते है। ''
दीवारों का कूल लुक
पालीवाल मारबल्स, यशोदा नगर के संचालक उदय कुमार पालीवाल कहते है, ''किचन की दीवारों का कलर ऐसा होना चाहिए जो मन को सुकून दे। इन दिनों किचन की दीवारों में रचनात्मक टाइल्स लगाने का चलन जोरों पर है। पौधों, फलों व पेड़ों की डिजाइन वाले कूल कलर के टाइल्स न सिर्फ किचन की शोभा बढ़ाते है, बल्कि मन को भी सुकून देते है। ''

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