Saturday 22 March 2014

रिश्ता रहे सदा के लिए

यह सच है कि मिठास भरा दांपत्य मन में जगाता है संपूर्णता का अहसास। जीवनसाथी से अटूट मोहब्बत ही है इस रिश्ते का आधार, पर कई बार हम दांपत्य की खूबसूरती बरकरार रखने के लिए जरूरी छोटी-छोटी बातें भूल जाते हैं। इतना ही नहीं अपने व्यवहार से अनचाहे ही रिश्ते में उलझनें और मायूसी भी ले आते हैं। दरअसल, कोई भी रिश्ता संपूर्ण नहीं होता। हर रिश्ते को निरंतर सहेजना पड़ता है। जिस तरह हम अपने घर को व्यवस्थित और साफ-सुथरा रखते हैं, ताकि स्वास्थ्य बना रहे, उसी प्रकार रिश्ते को हेल्दी बनाए रखने के लिए भी आपकी ओर से विशेष प्रयास होने चाहिए। समय के साथ आपके रिश्ते में नए अनुभव और नई जिम्मेदारियां जुड़ती हैं। भले ही आप दोनों में कई बातें एक समान हैं, पर यह बात भी ध्यान में रखने वाली है कि आप दोनों अलग-अलग व्यक्तित्व के मालिक हैं। इस रूप में आप दोनों के अपने लक्ष्य हैं, अपनी कुछ इच्छाएं हैं, जिन्हें आप पूरा करना चाहते हैं। कई बार आप दोनों इन सब बातों को देख नहींपाते और यहींसे मतभेद का जन्म होता है। हो सकता है कि आप दोनों पहले एक-दूसरे को जितना समय देते थे, उतना समय अब नहीं दे पा रहे, पर इसका यह अर्थ नहीं कि आप दोनों को एक-दूसरे की फिक्र नहीं है। बात बस इतनी सी है कि आपने यह मान लिया है कि अब आपको रिश्ता बनाने के लिए कोई प्रयास करने की जरूरत नहीं है, पर वास्तव में ऐसा नहीं होता। सच्चाई तो यह है कि यदि आपको बरकरार रखनी है रिश्ते की खूबसूरती तो करने होंगे अतिरिक्त प्रयास। आइए जानें आपकी कौन सी बातों से रिश्तों में घटती है मिठास और क्या हैं उनसे बचने के उपाय:
आलस्य
हर लिहाज से इंसान का दुश्मन है आलस्य। इसकी वजह से आप अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाते। यह आलस्य सिर्फ कॅरियर में ही बाधक नहीं है, बल्कि इससे आपके रिश्ते और जिंदगी भी प्रभावित होती है। समय के साथ दांपत्य भी परिपक्व होता है। आप एक-दूसरे के साथ जितना अधिक समय बिताते हैं, उतना ही निश्चिंत होते जाते हैं। जीवनसाथी को अपने व्यवहार से प्रभावित करने की ललक भी कम होती जाती है, क्योंकि आपको यह विश्वास हो जाता है कि आप दोनों एक-दूसरे को बेइंतहा प्यार करते हैं एवं अब आपका रिश्ता औपचारिकताओं से ऊपर उठ गया है। निश्चिंतता का यही भाव आपको रिश्ते को हर पल बेहतर बनाने के लिए प्रयास करने से रोक देता है। फलस्वरूप आप एक-दूसरे से बोर होने लगते हैं।
उपाय
यदि आपका रिश्ता आपके इस आलस्य से बुरी तरह प्रभावित हो रहा है तो वक्त आ गया है कि आप दोनों ही सक्रिय हो जाएं। ऐसी चीजें करें, जिससे पार्टनर को यह लगे कि आज भी आप उन्हें लेकर क्रेजी हैं। साथ ही उन्हें भी यह जानने का मौका दें कि आपको क्या पसंद हैं और आपकी उनसे क्या अपेक्षाएं हैं। ऐसी जगहें खोजें, जहां आप साथ जा सकें और मिलकर एंजॉय कर सकें। ऐसे शौक विकसित करें, जिनमें आप दोनों की रुचि हो। अपने उस शौक को मिलकर पूरा करें। इसके लिए बहुत अधिक खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। अगर आप दोनों ही रिश्ते को नई ऊर्जा देना चाहते हैं तो छोटी-छोटी सी चीजें भी आप मिलकर एंजॉय करेंगे।
वाद-विवाद
किसी भी विषय पर वाद-विवाद करने में कोई बुराई नहीं है, पर इसका तरीका क्या है, यह बात मायने रखती है। वाद-विवाद न सिर्फ सामान्य है, बल्कि यह महत्वपूर्ण भी है, क्योंकि आपको और आपके पार्टनर को करीब लाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। वास्तव में किसी मुद्दे के पक्ष में या विरोध में मजबूती के साथ अपने विचार रखना ही वाद-विवाद का आधार है। इसके जरिए आप किसी मुद्दे पर अपने विचारों में भिन्नता को जान सकते हैं और इस जानकारी का इस्तेमाल करते हुए एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। इस प्रकार आप एक-दूसरे के विचारों का और अधिक सम्मान कर सकेंगे। यह खेद की बात है कि वाद-विवाद को हम अक्सर नकारात्मक रूप में लेते हैं। जब तक कि आप यह समझ पाएं कि इससे किस प्रकार सकारात्मक नतीजे पर पहुंचा जा सकता है, आपकी बहस लड़ाई-झगड़े का रूप ले लेती है। किसी समझदारी भरे नतीजे पर पहुंचने के बजाय एक-दूसरे को नीचा दिखाना ही आपका मकसद बन जाता है।
उपाय
सबसे पहले तो यह जरूरी है कि आप स्वयं को यह याद दिलाते रहें कि वाद-विवाद होना कोई बुरी चीज नहींहै। यह बात खुद को तब तक याद दिलाते रहें जब तक कि आप इसे भली प्रकार न समझ जाएं, ताकि अगली बार जब आप पार्टनर के साथ बहस में उलझें तो उसे लड़ाई-झगड़े का रूप देने के बजाय किसी सकारात्मक नतीजे पर पहुंचाने का प्रयास करें। किसी मुद्दे पर एक-दूसरे से बातचीत करने से मत कतराएं। याद रखें कि खुले दिमाग के साथ किया गया स्वस्थ संवाद कई समस्याएं हल कर सकता है। इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि वाद-विवाद के दौरान आपका वार समस्या पर होना चाहिए न कि एक-दूसरे पर। बहस के दौरान पार्टनर की नाराजगी के बावजूद यदि कोई सकारात्मक हल निकलता है तो कोई समस्या नहीं है। हां, आपका उद्देश्य पलटकर वार करना या पार्टनर को आहत करना नहीं होना चाहिए।
अनदेखा करने की प्रवृत्ति
समस्या को जानकर भी अनजान बने रहना, मुश्किल का हल नहीं है। हममें से अधिकांश लोग इस यकीन को बनाए रखना चाहते हैं कि सब कुछ ठीक चल रहा है और यदि कोई समस्या है तो अपने आप ही सब कुछ ठीक हो जाएगा। यह रवैया समस्याओं से मुंह फेरना है। हर रिश्ते में कभी न कभी कुछ समस्याएं पैदा होती हैं, जो हमें तकलीफ देती हैं। उन्हें भुलाकर आप भले ही कुछ देर तकलीफ से दूर रह सकते हैं, पर इस रवैये के साथ आप स्थिति को और भी खराब कर देते हैं। समस्या को अनदेखा करने से वह समस्या खत्म नहीं होती, बल्कि बढ़ती जाती है। एक समय आता है, जब रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है। इन समस्याओं को हल किया जा सकता है, पर इसके लिए दोनों पार्टनर द्वारा स्थिति को स्वीकार करना जरूरी है।
उपाय
इस बात को समझें और स्वीकार करें कि आप दोनों एक-दूसरे से बेइंतहा प्यार करते हैं, इसके बावजूद आपके रिश्ते में भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। मतभेद होने का यह अर्थ नहीं है कि आप एक-दूसरे से प्यार नहीं करते। यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है तो उसके बारे में पार्टनर से बातचीत करें। समस्या से मुंह फेरने पर आप एक-दूसरे से दूर होने लगेंगे। याद रखें कोई भी समस्या स्वत: हल नहीं हो सकती, उसके लिए आप दोनों को मिलकर प्रयास करने होंगे। यदि आप चाहती हैं कि आपके दांपत्य में खुशहाली बरकरार रहे तो यह दिखावा करने की कोशिश कभी न करें कि सब कुछ ठीक चल रहा है। रिश्तों में शर्र्ते नहीं होती। हर रिश्ते में कुछ अच्छी बातें होती हैं तो कुछ कमियां भी हो सकती हैं। दोनों को स्वीकार करते हुए परिस्थितियों को चाहत के अनुकूल ढालने के लिए जरूरी प्रयास करने के लिए तैयार रहें।

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