Saturday 22 March 2014

जय माता दी बोलिए

मिताली की कॉलर टयून में 'अंबे तू है जगदंबे काली'.. बज रहा है तो सौम्या के मोबाइल वॉलपेपर में मां दुर्गा के दर्शन हो रहे है। दीक्षा ने नवरात्र के हर दिन के लिए देवी के नौ रूप डाउनलोड किए है। दीपा मोबाइल रिसीव करने पर हाय-हैलो नहीं, 'जय माता दी' बोल रही है। जी हां, पढ़ाई में व्यस्त ग‌र्ल्स मोबाइल को ही बना रही है भक्ति का माध्यम।
पॉजिटिव एनर्जी की ¨रगटोन
एक ग‌र्ल्स हॉस्टल में रह रहीं विनीता दुआ कहती है, ''परीक्षाएं नजदीक है और तैयारी जोरों पर चल रही है। मंदिर जाने या बैठकर पूजा करने का समय नहीं है, इसलिए हमने मोबाइल की सिंग और रिंगटोन में भक्ति गीत लगा रखे है। परीक्षा का तनाव है, ऐसे में जब फोन आने पर देवी गीत बजता है तो पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। इस सच को नकार नहीं सकते कि भक्ति में शक्ति होती है।''
हैलो-हाय छोड़िए
एमबीए की तैयारी में जुटी दिव्या कटियार कहती है, ''वर्ष भर मस्ती और ठिठोली वाले गाने सुने जाते है। कॉलर टयून भी ढूंढ-ढूंढकर लगवाई जाती है, लेकिन नवरात्र के दिन आस्था और शक्ति की उपासना के दिन होते है, इसलिए इन दिनों मैं मोबाइल पर देवी की आरती और स्तुति ही सुनती हूं। मोबाइल रिसीव करने पर मैं नमस्ते या हैलो के बजाय जय माता दी बोलना पसंद करती हूं।''
बदल गया वॉलपेपर
बीसीए स्टूडेट रुचि शर्मा कहती है, ''मैंने लैपटॉप के वॉलपेपर पर फैमिली फोटो और मोबाइल पर फ्रेंड की फोटो डाल रखी थी, लेकिन नवरात्र है, इसलिए दोनों के वॉलपेपर पर वैष्णों माता का फोटो डाला है। नवरात्र में भले ही दर्शन की हसरत पूरी न हो पर घर बैठे आस्था पूरी हो जाएगी।''
स्तुति का बेहतर माध्यम
डीजी कॉलेज से परास्नातक कर रहीं सोनाली खत्री कहती है, ''नवरात्र में मोबाइल पर भक्ति संगीत लोड कराने का सबसे बड़ा फायदा है कि आप कहीं भी हों, जब भी मोबाइल बजेगा, मन में देवी मां के प्रति आस्था के भाव जग जाएंगे। इन दिनों मैं जब पढ़ाई से फ्री होती हूं तो मोबाइल पर देवी की आरती और भजन सुनना पसंद करती हूं। पढ़ाई की व्यस्तता के बीच देवी की स्तुति करने का इससे सहज माध्यम दूसरा कौन सा हो सकता है!''

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