Thursday 13 March 2014

शाजिया इल्मी की पूरी कहानी...केजरीवाल की सबसे करीबी, अब बढ़ी दूरियां

शाजिया इल्मी की पूरी कहानी...केजरीवाल की सबसे करीबी, अब बढ़ी दूरियांनई दिल्ली. एक वक्त था जब करीब थे दोनों, लगता है अब दूरियां बढ़ने लगी हैं। यह लाइन इन दिनों शाजिया इल्मी और अरविंद केजरीवाल के लिए सटीक बैठ रही है। दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगी हैं। वजह लोकसभा चुनाव हैं या फिर अरविंद के करीबी आते कुछ और लोग। जो भी हो, लेकिन मनमुटाव साफ दिखने लगा है। शाजिया इल्मी 'आप' का वो चेहरा हैं, जिसे अन्ना आंदोलन के वक्त से अरविंद केजरीवाल के साथ देखा गया। शाजिया इल्मी ने अपने करियर को छोड़कर आंदोलन में शामिल होने का फैसला लिया और प्रवक्ता बनीं। केजरीवाल ने पार्टी बनाई और पार्टी में शाजिया इल्मी को एक प्रमुख चेहरे के रूप में पेश किया।
विधानसभा चुनाव में दिल्ली की आरके पुरम सीट से उन्हें चुनाव लड़ाया गया, लेकिन वो मामूली अंतर से हार गईं। अब शाजिया लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयार हैं। पार्टी भी उन्हें चुनावे लड़ाने के लिए तैयार है। पार्टी की मानें तो वो उन्हें सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली से चुनाव लड़ाना चाहती है, लेकिन खुद शाजिया इस बात से इनकार कर चुकी हैं। अब तो स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने को लेकर शाजिया और पार्टी के बीच ठन गई है। बताया जा रहा है कि केजरीवाल भी उनकी इस बात से नाराज हैं और दोनों के बीच इस मामले में सीधे तौर पर कोई बातचीत नहीं हो रही है। 
दो दिन से ट्विटर पर चल रहा है 'कोल्ड वार'
दो दिन से ट्विटर पर चल रही टिप्पणियों से साफ हो गया है कि जिन लोगों के सहारे अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी शुरू की थी, अब उनमें ही फूट पड़ती दिख रही है। शाजिया ने मंगलवार को ट्वीट करके साफ किया कि वो दो महीने से रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए मना कर रही हैं। उनका कहना है कि वो दिल्ली से चुनाव लड़ना चाहती थीं। उधर, पार्टी के एक और नेता कुमार विश्वास ने ट्विटर पर टिप्पणी कर दी कि हर किसी को सेफ सीट चाहिए। इशारा किसकी ओर था, ये तो पता नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि कुमार विश्वास भी राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ने को लेकर खुश नहीं हैं। हालांकि, अभी तक इस मामले में खुलकर पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की ओर से कुछ साफ नहीं किया गया है, लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि अब पार्टी में फूट पड़ चुकी है। 
नाराज हैं कई कार्यकर्ता
पार्टी में पिछले कुछ दिनों में हुए परिवर्तन को लेकर पार्टी के कुछ कार्यकर्ता और नेता नाराज हैं। शाजिया इल्मी ने तो यहां तक कह दिया है कि पार्टी ने लोकसभा के लिए पहले से ही चेहरे तय कर रखे थे, लेकिन अचानक कुछ पत्रकारों को पार्टी से जोड़ने के बाद लिस्ट में नाम बदल दिए गए। शाजिया ने इन नामों का खुलासा कर दिया था और इनका विरोध भी किया था।
शाजिया का अतीत नहीं छोड़ रहा पीछा
शाजिया को भले ही आम आदमी पार्टी ने साफ छवि वाले चेहरे के रूप में पेश किया हो, लेकिन कहते हैं कि अतीत कभी पीछा नहीं छोड़ता। यही शाजिया के साथ भी लगातार होता रहा है। चाहे बात विधानसभा चुनावों की हो या फिर अब लोकसभा में सीट को लेकर उनकी झिकझिक, हमेशा ही विवाद उनके साथ-साथ चले हैं। अरविंद केजरीवाल के सबसे करीब होने के बावजूद अब वो उनसे किनारा करती दिख रही हैं। खुद को सत्ता का लालची नहीं कहने वाली शाजिया क्या अब सेफ सीट को लेकर अरविंद केजरीवाल से भी मुंह मोड़ रही हैं?

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