Saturday 22 March 2014

मिजाज गर्म न होने दें

अकसर आपने लोगों को कहते सुना होगा, गर्मी से मेरा दिमाग गर्म हो रहा है, मुझे गुस्सा मत दिलाओ..। क्या वाकई इस मौसम का आपके मूड के साथ कोई नाता है? यही जानने की कोशिश करते हैं सखी के साथ।
हमारे आसपास बहुत कुछ बदलता रहता है कुछ चीजों की ओर हमारा ध्यान जाता है तो कुछ को हम नजरअंदाज कर देते हैं, पर बदलते मौसम का असर हम पर सबसे ज्यादा पड़ता है। अब गर्मियों को ही लीजिए, इस मौसम में बढ़ता तापमान हमारे दिलोदिमाग को परेशान करने लगता है।
हर शख्स परेशान सा क्यूं है
दरअसल हमारे मस्तिष्क के पिछले हिस्से में हाइपोथेलेमस होता है। इसके भीतर एक खास तरह का सॉफ्टवेयर होता है, जिसे लिंबिक सिस्टम कहा जाता है। यह हमारी भावनाओं और शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का काम करता है। जब गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो यह शरीर के तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता और उसी की प्रतिक्रियास्वरूप सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, बेचैनी और नॉजिया जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इस मौसम में बॉडी टेंपरेचर को संतुलित करने के लिए पसीना बहुत ज्यादा निकलता है और उसके साथ सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम और अन्य जरूरी मिनरल्स भी शरीर से बाहर निकल जाते हैं। इससे कमजोरी महसूस होने लगती है। कई बार शरीर में इन तत्वों की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि इससे बेहोशी का दौरा भी पड़ जाता है। इसे इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस की समस्या कहा जाता है। जस्ट चिल आउट
1. बाहर निकलते समय आपके साथ सन ग्लास, कैप या छतरी और ठंडे पानी की बॉटल जरूर होनी चाहिए।
2. अगर आप फील्ड जॉब में हैं तो इस मौसम में विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए।
3. हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए घर से बाहर निकलने से पहले कम से कम दो ग्लास पानी जरूर पीएं और अपने खानपान में तरल पदार्थो की मात्रा बढ़ा दें।
4. जब भी गुस्सा आए तो गहरी सांसें लें। इससे जल्द ही मन शांत हो जाएगा। 5. यह मौसम हाई और लो ब्लडप्रेशर वाले मरीजों के लिए बहुत खतरनाक साबित होता है। लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों की सांसों की गति धीमी पड़ जाती है। इस वजह से उन्हें चक्कर आना, अत्यधिक थकान, आंखों के आगे अंधेरा छाना जैसी समस्याएं परेशान करने लगती हैं। इसी तरह हाई ब्लडप्रेशर वाले मरीज अकसर अपने खाने में नमक की मात्रा बहुत कम कर देते हैं तो उन्हें भी यही समस्या होने लगती है। इससे बचने के लिए खानपान संतुलित रखें। नियमित रूप से अपना बीपी चेक करवाते रहें और अगर ब्लड प्रेशर ज्यादा हो तो भी नमक को सेवन बिलकुल बंद न करें।
6. इस मौसम में त्वचा पर निकलने वाली घमौरियां बहुत ज्यादा परेशान करती हैं। इनकी वजह से भी लोगों के व्यवहार में चिड़चिड़ापन आ जाता है। घमौरियों से बचने के लिए दिन में दो बार नहाना, प्रभावित स्थान पर बर्फ के टुकड़े रगड़ना और प्रिक्ली हिट टेल्कम पाउडर का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है।
7. माइग्रेन और हाइपरटेंशन के मरीजों को तेज धूप से बचने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि गर्म तापमान उनकी समस्या को बढ़ा देता है। ऐसे में आइसबैग का इस्तेमाल भी राहत देता है।
8. इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गो को विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से अधिक तापमान सबसे ज्यादा इन्हें ही प्रभावित करता है।

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