Saturday 22 March 2014

बारिशों का मौसम है

बारिश में भीग जाने पर घर आते ही, तुरंत गीले कपड़े बदल लें। हाथ-पैर धोकर अच्छी तरह पोंछ लेना चाहिए अन्यथा सर्दी-जुकाम होने का खतरा रहता है।
-जूते, चप्पल, सैंडिल भीग जाने पर उन्हें खड़े करके रखना चाहिए, ताकि उनका पानी निकल जाए। साथ ही धूप में भी रखें, ताकि उनकी नमी समाप्त हो जाए।
-यदि आप साड़ी पहनती हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि वह जमीन पर घिसटती हुई न चले। इस मौसम में कुर्ती-लेगिंग्स, शर्ट-ट्राउजर, सलवार-सूट ज्यादा अच्छे रहते हैं।
-दोपहिया वाहन को धीमी गति से ही चलाएं, क्योंकि कीचड़ व मिट्टी के कारण फिसलने का भय रहता है। बड़े वाहन को साइड देते समय विशेष सावधानी बरतें।
-जब भी बाहर से आएं तो रेनकोट व छाते को इस प्रकार रखें कि उनका पानी निकल जाए।
-इन दिनों पतले तौलिये ही काम में लें। इसी प्रकार हल्के चादर प्रयोग करें।
-बारिश के मौसम में जब कपड़े अच्छी तरह सूख जाएं तभी उन्हें तह करके रखें। गीले कपड़े तह करके रखने से उनमें दुर्गध आने लगती है।
-बच्चों के स्कूली बैग में छाता व पॉलिथीन अवश्य रखें।
-रसोई में काम आने वाले लोहे के बर्तन जैसे कड़ाही, चाकू आदि को काम में लेने के बाद धोकर व पोंछकर रखें।
-अचार-मुरब्बे आदि की बर्नियों एवं मर्तबानों का मुंह कसकर बांध देना चाहिए, इससे नमी अंदर नहीं पहुंच पाएगी।
-टार्च, ट्रांजिस्टर इत्यादि के सेल चेक करती रहें, ताकि वे लीक न हों।
-घर से बाहर जा रही हैं तो छाता व रेनकोट रखना न भूलें। यदि शाम के समय घर से बाहर जाना हो तो साथ में टॉर्च अवश्य रखनी चाहिए।
-इन दिनों बिजली के तारों को भली प्रकार से चेक करवा लें। यदि वे कटे-फटे हों तो उन पर अच्छी क्वालिटी वाला टेप लगवा दें।
-आपके शहर, कस्बे-गांव के आसपास कोई नाला बहता है तो बच्चे को उसकी तरफ अकेले न जाने दें। साथ ही नदी, झील, तालाब आदि में स्नान करने के लिए उन्हें स्पष्ट तौर पर मना कर दें। इस बात का पालन सभी को करना चाहिए।
-बच्चों को घास और झाड़ियों के आसपास न जाने दें। कारण, इन दिनों जहरीले कीड़ों का प्रकोप अधिक रहता है।
-इस मौसम में किसी को जमीन पर नहीं लेटना चाहिए।
-मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी और अन्य उपायों का उपयोग अवश्य करें।
-पानी फिटकरी से शुद्ध करके या उबालकर ही पीना चाहिए अन्यथा कई बीमारियां होने का खतरा रहता है।
-आजकल सब्जियों पर मिट्टी अधिक लगा होती है, अत: सब्जी लाने के बाद उसे पोटैशियम परमैग्नेट मिले पानी में डाल दें, ताकि सारी मिट्टी निकल जाए। इससे कीटनाशकों का प्रभाव भी कम हो जाता है।
-इन दिनों कीट-पतंगों व अन्य कीड़ों का प्रकोप अधिक होता है। अत: संभव हो तो रात होने से पूर्व खाना-पीना समाप्त कर लेना चाहिए। साथ ही खाने-पीने की वस्तुएं ढकी हुई होनी चाहिए।
-बरसाती हवा से पापड़, बिस्किट, नमकीन इत्यादि वस्तुओं में नमी आ जाती हैं। अत: उन्हें एअर टाइट जार या पॉलिथिन में पैक करके रखें।
-इस मौसम में दही के स्थान पर नींबू का प्रयोग फायदेमंद रहता है।

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