Sunday 23 March 2014

पार्टियों के विज्ञापनों से डिजिटल प्लेटफॉर्म की आय बढ़ेगी: एसोचैम

social-media
राजनीति बदल रही है या नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि राजनीतिक दलों द्वारा प्रचार-प्रसार का तरीका बदल रहा है। लगभग हर राजनीतिक दल युवा पीढ़ी को ध्यान में रख कर गूगल, फेसबुक जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चुनावी विज्ञापन दे रहे हैं। इस कारण विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्मों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है।

उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन में यह बात कही गई है। विज्ञापन और प्रचार-प्रसार पर होने वाले करीब 4000 से 5000 करोड़ रुपये के व्यय में से इंटरनेट पहुंच करीब 30 प्रतिशत मतदाताओं तक सीमित होने के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म कम-से-कम 400 से 500 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं।

रिपोर्ट में यह कहा गया है कि राजनीतिक दलों के डिजिटल मीडिया पर 2009 में हुए आम चुनावों के मुकाबले ज्यादा खर्च को देखते हुए गूगल जैसी कंपनियां और फेसबुक तथा ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स इस साल भारत में आय में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद कर सकती हैं।
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, 'केवल कांग्रेस, बीजेपी जैसी राष्ट्रीय दल ही नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी और अन्य क्षेत्रीय दल भी इस साल डिजिटल मंच पर विज्ञापन बजट बढ़ा रहे हैं।' गौरतलब है कि चुनाव आयोग के नए नियमों के अनुसार सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापन देने से पहले उसकी मंजूरी जरूरी है।

No comments:

Post a Comment