Sunday 23 March 2014

चुनावी समर की तस्वीर बदल पायेंगे फिल्मी कलाकार ?

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यी दिल्ली : लोकसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के केंद्र में सत्ता हासिल करने की जद्दोजहद के बीच शत्रुघ्न सिन्हा, राज बब्बर, हेमा मालिनी के साथ अभिनय से राजनीति में कदम रखने वाली किरण खेर, गुल पनाग, मुनमुन सेन, पवन कल्याण जैसे नये कलाकार सत्ता की दौड में ग्लैमर का तडका लगा रहे हैं.
फिल्मी कलाकारों का राजनीति में कदम रखना कोई नई बात नहीं है लेकिन दक्षिण भारत की तुलना में उत्तर भारत में यह चलन सफल नहीं रहा है. तमिलनाडु और
 आंध्रप्रदेश के लोगों में फिल्मी कलाकारों के प्रति जबर्दस्त आकर्षण देखा गया है और इन प्रदेशों के लोगों ने एन टी रामाराव और एम जी रामचंद्रन जैसे फिल्मी दुनिया के शीर्ष कलाकारों को सत्ता की कुंजी सौंपी भी लेकिन अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, धर्मेन्द्र और गोविंदा पूरे गाजेबाजे के साथ राजनीति में आए लेकिन बीच में ही इसे छोड गए. इस चुनाव में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सितारों की जबर्दस्त संख्या क्या अपना जलवा दिखा पाती है और राजनीति में प्रभाव छोड पाती है?

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