Saturday 22 March 2014

इस प्यार को क्या नाम दें

क्या अच्छे लड़कों का अकाल पड़ गया है, जो लड़कियां बुरे लड़कों को ज्यादा पसंद कर रही हैं? आमतौर पर अच्छे लड़के यही रोना रोते हैं। हाल में हुई एक स्टडी इस बात को और पख्ता करती है कि वाकई लड़कियां बुरे लड़कों के चंगुल में ज्यादा फंसती हैं। असामाजिक या आपराधिक प्रवृत्ति के पुरुष जिंदगी में कुछ और हासिल करें या नहीं, कुछ समय तक के लिए लड़कियों का ध्यान जरूर आकर्षित कर लेते हैं। ऐसा आखिर क्या होता है उनमें?
कैसे जीतते हैं दिल
न्यू साइंटिस्ट मैगजीन के मुताबिक अमेरिकी रिसर्चरों ने 57 देशों में करीब 35 हजार लोगों पर कराए गए सर्वे में नतीजा निकाला कि आक्रामक, कठोर, चालाक और मतलबी किस्म के पुरुष न सि़र्फ लड़कियों से फ्लर्टिग में माहिर होते हैं, बल्कि उनकी सेक्स लाइफ भी अधिक अच्छी होती है। इन नतीजों को हाल ही में जापान के क्योटो शहर में आयोजित 'ह्यूंमन बिहैवियर एंड इवॉल्यूशन सोसाइटी' मीटिंग में पेश किया गया।
इस स्टडी को सही मानें तो ईमानदार, विनम्र, वफादार और सीधे-सादे लड़के लड़कियों की गुड लिस्ट में कम ही हैं। जेम्स बॉन्ड जैसे चरित्र 'बैड ब्वॉयज' को गढ़ने में काफी मदद करते हैं। ऐसे लोग समझौता नहीं करते, स्पष्टवादी होते हैं। जोखिम भरे काम करना इन्हें भाता है। साथ ही ये लड़कियों को लुभाने के सभी गुर जानते हैं। लड़कियों से रिश्ते बनाना इनकी फितरत होती है, लेकिन किसी भी रिश्ते से वे जल्दी ही ऊब जाते हैं और फिर कोई नया रिश्ता तलाशने लगते हैं। ऐसे लोग दोस्तों की पत्नी, बहन या प्रेमिका को भी नहीं छोड़ते। लेकिन ये अच्छे लड़कों की तुलना में बाजी मार लेते हैं?
विपरीत ध्रुवों का आकर्षण
लड़कियां ऐसे लड़कों को पसंद क्यों करती हैं? यह सवाल जटिल है। यहां दो विपरीत ध्रुवों के आकर्षण का सिद्धांत काम करता है। लड़कियां सीधी-सादी राह पर चलने वाली और सुरक्षित माहौल में पलने-बढ़ने वाली होती हैं। एकाएक जब वे बिलकुल विपरीत स्वभाव के किसी लड़के से मिलती हैं तो उससे प्रभावित हो जाती हैं। क्योंकि वह भावनाओं को पढ़ सकता है, लड़की के सामने आत्मविश्वास से भरपूर दिखता है। ऐसा लड़का फिल्मी स्टाइल में लड़की को प्रपोज कर सकता है। यहां तक कि कई बार बलपूर्वक भी उसे प्रभावित करने की कोशिश करता है। चूंकि लड़कियां अपने आसपास या घर में आदर्श छवि वाले पुरुषों के संपर्क में रहती हैं, ऐसे में कोई बिलकुल भिन्न व्यक्तित्व वाला शख्स सामने आता है तो वे उससे प्रभावित हो जाती हैं। कई बार इस खेल में वे अपना दिल भी हार जाती हैं।
सुरक्षा का एहसास
लड़कियों को एक सुरक्षित कवच की जरूरत होती है। उन्हें बाहरी दुनिया असुरक्षित लगती है। ऐसे में अगर कोई पावरफुल व्यक्ति उनका संरक्षक बनकर खड़ा होता है तो वे प्रभावित हुए बगैर नहीं रहतीं। बचपन से वे अपने पिता या भाई के संरक्षण में रहती हैं। पिता या भाई की कठोर छवि उन्हें इस बुरे लड़के में भी दिखती है। इसलिए आक्रामक, क्रोधी और हावी होने वाला पुरुष उन्हें अच्छा लगता है। कहा जाता है कि लड़कियां अपने पिता से और लड़के मां से अधिक प्रभावित होते हैं। अपने अवचेतन में वे पति या प्रेमी में भी वे ही गुण खोजती हैं, जो उनके पिता में होते हैं। बुरे लड़कों की यही क्रोधी व कठोर मानसिकता उन्हें प्रभावित कर लेती है।
जोखिम उठाने की कूवत
मनुष्य कई बार वर्जनाओं को तोड़ना चाहता है। जंगल राज न बन जाए, इसके लिए ही सामाजिक नियम बनाए जाते हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होता है। लेकिन बुरे लड़कों को ऐसे नियमों की परवाह नहीं होती। वे समाज से लड़ने को तैयार रहते हैं। उनके अपने मूल्य होते हैं और वे खुद के बनाए रास्तों पर चलते हैं। ये बातें भी लड़कियों को आकर्षित करती हैं। इसका एक कारण यह भी है कि वे खुद उन वर्जनाओं को तोड़ने का साहस नहीं कर पातीं। इसलिए भी ऐसे लड़के उन्हें आकर्षित करते हैं।
आकर्षक व्यक्तित्व
यूं तो इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि बुरे लड़के दिखने में आकर्षक क्यों होते हैं, लेकिन आमतौर पर इनका व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है। दरअसल वे अपने आंतरिक सौंदर्य की कमी को बाहरी व्यक्तित्व से पूरा करना चाहते हैं। इसलिए अपनी बाहरी खूबसूरती को वे निखारने की पूरी कोशिश करते हैं। वे स्टाइलिश होते हैं। उनके हाव-भाव, बातचीत के अंदाज और रहस्यवादी व्यक्तित्व के प्रभाव में आ जाती हैं लड़कियां।
क्यों हैं ये लड़कियों के हीरो
एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा में लॉ स्टूडेंट ऋत्विक कहते हैं, 'लड़कियों को ऐसे लड़कों के साथ रहकर सुरक्षा का बोध होता है, साथ ही वे खुद को पावरफुल महसूस करती हैं। कोई उन्हें कुछ नहीं बोलता।'
इसी यूनिवर्सिटी की सिमरन कहती हैं, 'ऐसा नहीं है कि लड़कियां बुरे लड़कों को जीवनसाथी बनाना चाहती हैं। कुछ समय के लिए वे दबंग किस्म के लोगों से प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन वे उनके अवगुणों को नजरअंदाज नहीं करतीं। कॉलेज में बैड ब्वॉयज दरअसल उनकी सेफ्टी के लिए जरूरी होते हैं। इसलिए वे उनके साथ घूमना पसंद करती हैं। लेकिन जीवनसाथी के रूप में उन्हें अच्छे और केयरिंग लड़के ही भाते हैं।'
दिल्ली विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन फाइनल इयर की स्टूडेंट तृषा का कहना है, 'लड़कियों को यह भी लगता है कि वे बुरे लड़के को भी बदल देंगी। उन्हें वह इसलिए भी सही लगता है, क्योंकि वह जैसा होता है-वैसा ही दुनिया के सामने भी होता है।'
कॉल सेंटर में काम करने वाले अखिल का कहना है, 'लड़कियां स्वार्थी होती हैं, लेकिन यह स्वार्थ उनकी असुरक्षा से पैदा होता है। बुरे लड़के के साथ रहने से वे कई परेशानियों से बच जाती हैं। वैसे बुरे लड़कों में कुछ गुण आदर्श कहे जाने वाले लड़कों की तुलना में ज्यादा अच्छे होते हैं।'
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीवन पिंकर एक वेबसाइट पर पूछे गए इसी सवाल के जवाब में लिखते हैं, 'ज्यादातर स्त्रियों का पसंदीदा पुरुष वह होता है, जो उनके प्रति उदार और दुनिया के प्रति आक्रामक हो। उन्हें ऐसे लड़कों की स्मार्टनेस और ताकत भाती है। दूसरा बड़ा कारण यह है कि ऐसे पुरुष उन्हें और उनके बच्चों को ज्यादा सुरक्षा देते हैं।
दिल्ली की वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक अनु गोयल कहती हैं, 'ऐसे ज्यादातर मामलों में लड़की को लगता है कि वह लड़के को सुधार देगी, इसे वह एक चुनौती की तरह लेती है। फिल्मों में भी दिखाया जाता है कि प्यार बुरे या आपराधिक चरित्र के व्यक्ति को सुधार देता है। लेकिन प्यार का भूत उतरते ही लड़का भाग जाता है और लड़की की चुनौती धरी रह जाती है।'
क्षणिक होते हैं ऐसे रिश्ते
ऐसे संबंध कितनी दूर तक चलते हैं? इसका उत्तर है-बहुत थोड़ी दूर तक। ऐसे झटपट रोमांस का अंत भी झटपट होता है। कारण यह है कि महज आकर्षण के बलबूते जीवन निभाना आसान नहीं होता है। कोई स्त्री नहीं चाहती कि वह पति या प्रेमी को जेल की सलाखों में देखे। जितनी तेजी से यह आकर्षण पनपता है, उतनी ही तेजी से घृणा में भी बदल सकता है।
इसलिए अच्छे लड़कों को निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। पिछली कई स्टडीज ऐसी भी हैं जो यह कहती हैं कि ऐसे आकर्षण की उम्र बहुत कम होती है। लड़कियां खास मकसद के लिए या कुछ समय के लिए ऐसा पार्टनर भले ही चुन लें, जिंदगी जीने के लिए वे ऐसे ही व्यक्ति का हाथ थामती हैं जो अच्छा हो और ताउम्र उनका खयाल रख सकता हो।
प्रेम और अपराध
चा‌र्ल्स शोभराज
सीरियल किलर कहे जाने वाले चा‌र्ल्स शोभराज ने 1974 से 1976 के बीच कम से कम 12 युवा लड़कियों का मर्डर किया। उम्र कैद की सजा काटने वाले इस अपराधी से शादी की 44 वर्ष छोटी एक नेपाली लड़की ने। दिलचस्प बात यह है कि इस शादी का समर्थन किया लड़की की मां ने, जो खुद शोभराज की वकील थीं।
अबू सलेम
अंडरव‌र्ल्ड डॉन अबू सलेम के बारे में कहा जाता है कि उसकी पहली शादी समीरा जुमानी से हुई, जो शादी के वक्त टीनएजर थी। यह शादी नहीं चली। इसके बाद बॉलीवुड ऐक्ट्रेस मोनिका बेदी से उसका विवाह हुआ। आखिरकार बहुत लानत-मलामत के बाद मोनिका भी उससे आजाद हुई।
फिल्मों के ऑब्सेसिव प्रेमी
हिंदी फिल्मों की बात करें तो 'डर', 'बाजीगर' जैसी कई फिल्मों के बुरे नायक बलपूर्वक भी नायिकाओं को अपने प्रेमजाल में फंसाते हैं। हालांकि ऐसी भी कई फिल्में हैं, जिनमें प्यार अंत में अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को सुधार देता है।

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