Sunday 23 March 2014

Review:'गैंग ऑफ घोस्ट्स' भूतों का दम नहीं !

कार : शरमन जोशी, माही गिल, अनुपम खेर, सौरभ शुक्ला, असरानी, राजपाल यादव, जैकी श्राफ
निर्माता : गणेश जैन
निर्देशक : सतीश कौशिक
गीत : धरम और संदीप
अवधि : 117mins
मूवी टाइप : कॉमेड़ी
कहानी
शहर से दूर खाली पड़ी एक एक पुरानी इमारत में लगभग दस भूत मौज-मस्ती के साथ रहते हैं. गैंदामल ( अनुपम खेर ) इनके गैंग का लीडर है. दरअसल अलग-अलग जगहों से यहां रहने आने की चाह में भूतों का बाकायदा इंटरव्यू लिया गया और इंटरव्यू पास होने के बाद ही यह भूत यहां रह रहे हैं. इस गैंग में अपने जमाने की मशूहर एक्ट्रेस मनोरंजना कुमारी (माही गिल), अमीर बाप की प्रेम में नाकामयाब रहने के बाद आत्महत्या करने वाली बेटी टीना और बंगाली बाबू के अलावा फौजी, म्यूजिशन और एक गरीब आदमी का भूत भी है. इसी भूतिया इमारत में स्ट्रगलर राइटर ( शरमन जोशी) भी हैं, जो इस कहानी का कहीं ना कहीं से सूत्रधार बनता है.
ऐक्टिंग  
भूतिया इमारत में रहने वाले सभी भूतों यानी अनुपम खेर से लेकर गरीब आदमी के भूत के किरदार में असरानी हर किसी ने अपने किरदारों को अच्छी तरह निभाया है. शरमन जोशी को स्टोरी नैरेशन का काम मिला, जिसमें वह परफेक्ट रहे.
डायरेक्शन  
बतौर डायरेक्टर सतीश कौशिक दर्शकों को कहानी और किरदारों के साथ कहीं जोड़ नहीं पाए, यही इस फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी है. इंटरवल से पहले के कुछ सीन्स आपको हंसा सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, कमजोर होती रहती है.
क्यों देखें  
अगर आपको भूतों में दिलचस्पी है, तो आप इस बार डरने के लिए नहीं बल्कि थोड़ा बहुत हंसने के लिए फिल्म देख सकते हैं. हां, अगर नहीं भी देखी, तो भी चलेगा.

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